Manuscript Number : SHISRRJ1203339
‘उत्तरसीताचरितम्’ में वर्णित नारी चेतना के अभिनव आयाम
Authors(1) :-डॉ सन्दीप कुमार द्विवेदी संस्कृत साहित्य में रामायण एवं महाभारत के कथानक को उपजीव्य मानकर सर्वाधिक रचनाएं दृष्टिगोचर होती हैं। प्रस्तुत उत्तर सीता चरितम् महाकाव्य सनातन कवि रेवाप्रसाद द्विवेदी की प्रसिद्ध रचना है। कवि ने भवभूति विरचित उत्तर रामचरित नाटक के कथानक को उपजीव्य मानकर स्व-कल्पनावैशिष्ट्य से अभिनव तत्त्वों का समावेश कर सहृदय पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है। इसमें नारी चेतना के सन्दर्भ में पारम्परिक दृष्टि के साथ आधुनिक दृष्टि से वर्णन किया है। कवि ने आदर्श नारी, दाम्पत्य, मातृस्वरूप, राष्ट्रभक्ति, अबला से प्रबला आदि विषयों का सरस वर्णन किया है। कैकेयी जैसे उपेक्षित पात्र के चरित्र को भी उत्कृष्ट स्थान दिया है।
डॉ सन्दीप कुमार द्विवेदी महीसुता, दाम्पत्य, पातिव्रत्य, विश्वकल्याण, अस्मिता, राष्ट्रधर्म, मानवतावाद, प्रबला, स्वाभिमान, पर्यावरण, कर्मयोग, सौन्दर्य, परित्याग आदि। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020 Article Preview
असिस्टेन्ट प्रोफेसर भारतीय महाविद्यालय फ़र्रुखाबाद
Date of Publication : 2020-03-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 112-119
Manuscript Number : SHISRRJ1203339
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ1203339