स्वातंत्र्योत्तर उपन्यासों में विस्थापन की त्रासदी

Authors(2) :-प्रत्याशा मिश्र, डॉ अनुराग मिश्र

भारत 1947 में गुलामी के चंगुल से मुक्त हुआ किंतु पुनः बंटवारे के अभिशाप से ग्रस्त हो गया। यह कालखंड की वह अभिशप्ति थी जिसने लाखों परिवारों को अपनी मातृभूमि एवं जड़ से विस्थापित होने के लिए मजबूर कर दिया| मोटे तौर पर पंजाब, सिंध,लाहौर,जम्मू -कश्मीर, बंगाल आदि क्षेत्रों में रहने वालों को इस अभिशाप ने अपनी माटी से उठाकर दूर देश में दर-दर भटकते रहने का दंश देकर उनकी आंतरिक क्षमताओं को कुंद कर दिया| इसके कारण उन्हें अपने घर- जमीन, संवैधानिक अधिकारों एवं अपनों से वियुक्त तो होना ही पड़ा साथ ही मनुष्य-मात्र को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वंचित जीवन भी व्यतीत करना पड़ा। विस्थापन को पूर्णता में समझने के लिए इसके विभिन्न पहलुओं पर गंभीरतापूर्वक अध्ययन करना बहुत आवश्यक है। विस्थापन अब एक अवधारणात्मक पद है जो अपने भीतर समय,समाज और परिवेश की अनेक अर्थच्छायाओं को समाहित करता है। शब्दों की संश्लिष्टात्मक समझ और उसकी अंतर-अनुशासनात्मक दृष्टि से ही विस्थापन-संबंधी अध्ययन को समग्रता में प्रस्तुत किया जा सकता है।

Authors and Affiliations

प्रत्याशा मिश्र
शोधार्थी, हिंदी विभाग, का. सु. साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या,उत्तर प्रदेश
डॉ अनुराग मिश्र

भूमंडलीकरण, वैश्वीकरण, उदारीकरण, पूंजीवाद, सामाजिक-मूल्य, मौलिक अधिकार, विस्थापन, पर्यावरण, निर्वासन आदि।

1) यशपाल ;  झूठा सच ; लोकभारती प्रकाशन ;इलाहाबाद,  2019 ; पृ|539

2) द्रोणवीर कोहली ; वाह कैम्प ; किताबघर; दिल्ली, 2001 ;पृ| 203

3) कमलेश्वर ; कितने पाकिस्तान ;राजकमल प्रकाशन; दिल्ली,  2016 ; पृ| 110

4) मानव कौल ; प्रेम कबूतर ; वेस्टलैंड प्रकाशन

5) वीरेंद्र जैन ; डूब ; वाणी प्रकाशन; दिल्ली, 1991; पृ|79

6) क्षमा कौल ; दर्दपुर ; भारतीय ज्ञानपीठ ; दिल्ली, 2009 ; पृ|97

7) रवींद्र कालिया ; ए| बी| सी| डी| ; वाणी प्रकाशन ; दिल्ली, 2013 ; पृ|77

8) रवींद्र कालिया : ए| बी| सी| डी| ; वाणी प्रकाशन ; दिल्ली, 2013 ; पृ|77

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 242-247
Manuscript Number : SHISRRJ121421
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

प्रत्याशा मिश्र, डॉ अनुराग मिश्र , "स्वातंत्र्योत्तर उपन्यासों में विस्थापन की त्रासदी", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 1, pp.242-247, January-February.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ121421

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