समाचार पत्रों का विकास

Authors(1) :-राजीव कुमार मिश्रा

वरिष्ठ सम्पादक एवं विद्वान अच्युदानन्द मिश्र का कहना है कि पत्रकारिता पूरी तरह व्यवसाय का रुप धारण कर चुकी है। पहले प्रकाशन समाज के प्रति अपना उत्तरदायित्व न सिर्फ समझते थे बल्कि निभाते भी थे। वर्तमान में स्थिति यह है कि प्रकाशन इसे पूरी तरह लाभ-हानि की तर्ज पर निकल रहे हैं। पाठक और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी वे नजरअंदाज किये हुए हैं। पिछले एक दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में आयी गिरावट से इसके व्यवसायिक होने की बात पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है। पिछले एक दशक से अखबार पाठकों के लिए नहीं, बल्कि विज्ञापनदाताओं के लिए छप रहे हैं। आर्थिक रुप से मजबूत हुए बगैर यह अपने मिशन में कामयाब नहीं हो सकते हैं।

Authors and Affiliations

राजीव कुमार मिश्रा
शोधार्थी, नेहरू ग्राम भारती मानित, विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।

समाचार, पत्र, विकास, पत्रकारिता, व्यवसाय, धारण, समाज, विज्ञापन, जनसंचार।

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Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 6 | November-December 2021
Date of Publication : 2021-11-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 193-196
Manuscript Number : SHISRRJ1221219
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

राजीव कुमार मिश्रा, "समाचार पत्रों का विकास", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 6, pp.193-196, November-December.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ1221219

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