Manuscript Number : SHISRRJ122569
माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों में पर्यावरण जागरूकता: सर्वेक्षणात्मक अध्ययन
Authors(1) :-डाॅ0 विद्या प्रकाश सिंह
पर्यावरणीय व पारिस्थितिकीय परिवर्तनों के कारण उत्पन्न पर्यावरण संकट आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी मनुष्य की विकासीय प्रक्रियाओं का परिणाम है। वास्तव में यदि एक तरफ सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक तकनीकी एवं प्रौद्योगिकीय विकास हुये हैं तो दूसरी तरफ विकट पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय समस्याएँ भी उत्पन्न हुई है। पर्यावरण और उसकी समस्याओं पर सार्थक विचार सांस्कृतिक कारकों के परिप्रेक्ष्य में ही संभव है। विशेषरूप से उच्च जनसंख्या वृद्धि, सीमित संसाधन, गरीबी, समाज की ग्रामीण एवं कृषि प्रधान पृष्ठभूमि सामाजिक परिवर्तन के लिए विकास योजना व विभिन्न सांस्कृतिक परम्पराएँ हमारे लिए विचारणीय है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति समय-समय पर किए गए प्रयासों के फलस्वरूप पिछले वर्षों में भारत में कई पर्यावरणीय आन्दोलनों का जन्म हुआ। मीडिया ने इन आन्दोलनों को व्यापक स्थान दिया है और इनके उद्देश्यों से जनता को अवगत कराया है। ये आन्दोलन है- चिपको आन्दोलन, नर्मदा बचाओ आन्दोलन, टिहरी बांध विरोधी आन्दोलन, मूक घाटी, एप्पिको आन्दोलन, भोपाल गैस त्रासदी, विष्णु प्रयाग बांध, चिलिका आन्दोलन एवं पानी बचाओ आन्दोलन और दिल्ली का वायु प्रदूषण नियंत्रण आदि। किन्तु पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। अतः इसके लिए हमें माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना आवश्यक इसलिए हो जाता है कि माध्यमिक स्तर से ही बच्चे अपने दायित्वों एवं कत्र्तव्यांे को समझने लगते हैं साथ अपने लक्ष्यों का निर्धारण करते हैं।
डाॅ0 विद्या प्रकाश सिंह
पर्यावरण, जागरूकता, माध्यमिक स्तर, विद्यार्थी। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 2 | March-April 2023 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर, ट्राइडेन्ट बी0एड्0 काॅलेज, गीधा, आरा, भोजपुर (बिहार)
Date of Publication : 2023-03-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 82-86
Manuscript Number : SHISRRJ122569
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ122569