स्त्रीवादी आंदोलन और सिद्धांत

Authors(1) :-इन्दुबाला यदुवंशी

उग्रवादी स्त्रीवाद स्त्री के जीवनानुभवों को आधार बनाकर निर्मित किया गया है। उग्रवादी स्त्रीवादियों ने स्त्रीशोषण कर आधार पितृसत्ता में खोजा और उसे चुनौती प्रस्तुत की है। उग्रवादी स्त्रीवाद मानता है कि स्त्री शोषण में पितृसत्ता और राज्य का निर्माण पितृसत्तात्मक ढांचे में हुआ है और राज्य कानून आदि के द्वारा पितृसत्तात्मक ढांचे को बनाये रखता है। उग्रवादी स्त्रीवादियों का यह भी मानना है कि नारी के शोषण का एक बड़ा हिस्सा पारिवरिक संरचना के दायरे में होता है।

Authors and Affiliations

इन्दुबाला यदुवंशी
शोध छात्रा, हिन्दी विभाग, श्री गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मालटारी,आजमगढ़, सम्बद्ध वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर,उत्तर प्रदेश।‚भारत।

उग्रवादी, स्त्रीवाद, पितृसत्तात्मक, पारिवरिक, संरचना, सामाजिक।

  1. देवेन्द्र इस्सर, स्त्री मुक्ति के प्रश्न, संवाद प्रकाशन, मेरठ, पृ. 29
  2. प्रभाखेतान, स्त्री उपेक्षिता, हिंद पाकेट बुक, नई दिल्ली, पृ. 52
  3. सं. डाॅ. एम. फिरोज खान, डाॅ. शुगुफ्ता नियाज़, आकाश पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, गाजियाबाद, पृ. 10-11
  4. फेमनिज्म एण्ड रिसेंट फिक्शन इन इंग्लिश-सुशील सिंह, पृ. 8
  5. राधा कुमार, स्त्री संघर्ष का इतिहास, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ. 27
  6. वही, पृ. 41
  7. वही, पृ.
  8. वही, पृ.
  9. वही, पृ.
  10. नारी प्रश्न, सरला माहेश्वरी, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ. 44

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 2 | July-August 2018
Date of Publication : 2018-08-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 132-137
Manuscript Number : SHISRRJ181215
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

इन्दुबाला यदुवंशी, "स्त्रीवादी आंदोलन और सिद्धांत ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 1, Issue 2, pp.132-137, July-August.2018
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ181215

Article Preview