Manuscript Number : SHISRRJ181218
गोरखपुर क्षेत्रीय बैंक के द्वारा कोषो का प्रयोग रू बैंक निधियों के लाभप्रद एवं अलाभप्रद नियोजन का एक तुलनात्मक अध्ययन (1987-1997)
Authors(1) :-डॉ शिव पूजन यादव
बैंक अत्यन्त महत्वपूर्ण संस्थाएं हैं। वे छोटी.छोटी बचतों को जनता से एकत्रित करके ऐसे क्षेत्रों को वित्तीय संसाधन प्रदान करती हैए जहाँ उनकी आवश्यकता होती हैद्य इसलिए बैकों को पूँजी अथवा मुद्रा का व्यापारी कहा जाता है द्य किसी भी अन्य व्यापारिक उपक्रम की भाँति एक बैकिंग उपक्रम का भी उद्देश्य लाभ कमाना होता है। परन्तु बैकिग उपक्रम के लाभ कमाने के साथ उसका सामाजिक उत्तरदायित्व जुड़ा होता है। ऐसे बैंकिंग उपक्रम जिनका स्वामित्व सार्वजनिक होता है उनका उत्तरदायित्व और अधिक हो जाता है कि वे समाज व राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को और अधिक निष्ठा से सम्पादित करें। परन्तु यह सब होते हुए भी किसी बैक की कार्यक्षमता का मापदण्ड उसकी लाभदायकता ही है। अतः बैक द्वारा प्राप्त संसाधनों को इस प्रकार नियाजित किया जाना आवश्यक हैद्य जिससे वे लाभदायक हो सके द्यप्रस्तुत् आलेख क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक गोरखपुर के बैंक निधियों के लाभप्रद नियोजन एवं अलाभप्रद नियोजन का अध्ययन करता है द्य
डॉ शिव पूजन यादव
गोरखपुरए बैंकए लाभप्रदए नियोजनए अलाभप्रदए क्षेत्रीय बैंकए कोषए बैंक निधियए नियोजनद्य
Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 3 | September-October 2018 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसरए वाणिज्यए
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महाविद्यालयए तिलहर शाहजहांपुर।
Date of Publication : 2018-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 108-115
Manuscript Number : SHISRRJ181218
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ181218