Manuscript Number : SHISRRJ181422
पौराणिक दृष्टि से तीर्थराज प्रयाग
Authors(1) :-वन्दना देवी समस्त तीर्थों के अतिरिक्त प्रयाग में अन्र्वेदी माधव, मध्यवेदी के माधव, बाहर्वेदी के माधव के साथ ही अनेक छोटे-छोटे तीर्थों का विस्तृत साम्राज्य फैला हुआ है। इस प्रकार सभी तीर्थों को स्वयं में समाहित करने त्रिवेणी संगम स्थल होने एवं ब्रह्मा द्वारा सर्वप्रथम प्रकृष्ट यज्ञ करने के कारण यह प्रयाग तीर्थराज की पदवी पर अधिष्ठित है।
वन्दना देवी पौराणिक, तीर्थराज प्रयाग, भारतीय, संस्कृति, आधुनिक, सांस्कृतिक। Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 4 | November-December 2018 Article Preview
शोधच्छात्रा, संस्कृत विभाग, कला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2018-11-30
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Page(s) : 96-103
Manuscript Number : SHISRRJ181422
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ181422