असमिया साहित्य और रमन्यासवाद

Authors(1) :-दिगंत बोरा

हिंदी साहित्य की तरह असमिया साहित्य में भी अंग्रेजी साहित्य के प्रभाव से स्वच्छंदतावाद की धारा प्रवाहित हुई। पहले असमिया साहित्य में अंग्रेजी के 'रोमांटिक' (Romantic) के पर्याय के रूप में नवन्यासिक शब्द को अपनाया गया। बाद में महेंद्र बोरा ने ‘रोमांटिक’ और ‘रोमांटिसिज्म’ (Romanticism) के पर्याय के रूप में क्रमशः 'रमन्यास' और 'रमन्यासवाद' शब्दों को प्रयोग किया। असमिया साहित्य में नयी चेतना के प्रवाह में बांगला और अंग्रेजी साहित्य के नवजागरण की भूमिका को अनदेखी नहीं की जा सकती। रमन्यासवाद के प्रवर्तक त्रिमूर्तियाँ हैं- चंद्रकुमार अगरवाला, लक्ष्मीनाथ बेजबरुवा और हेमचंद्र गोस्वामी। रोमांटिक साहित्य को किसी ने व्यक्तिवादी, तो किसी ने साहित्य का उदारीकरण, तो किसी ने भविष्य के रंगीन सपनों से जोड़ा। प्रकृति प्रेम, स्वदेशानुराग, प्रेमानुभूति, रहस्यवाद, कल्पना प्रवणता, सौंदर्यानुभूति, अतींद्रियवाद, आत्मविमुग्धता, मानवतावाद, चित्रात्मक भाषा आदि रमन्यासवाद की प्रधान प्रवृत्तियाँ हैं। रोमांटिक साहित्य का प्रभाव असमिया साहित्य पर 1889-1940 तक विशेष रूप से गीतिकाव्य पर दिखाई देता है। सॉनेटों, शोकगीतों, साहित्यिक लोकगीतों तथा व्यंगात्मक कविताएँ भी प्रचुरता से लिखी गयी। चंद्रकुमार अगरवाला की 'वनकुँवरी' को प्रथम रोमांटिक कविता का श्रेय मिला। इसके पश्चात असमिया साहित्य के सभी विधाओं में यह धारा चली।

Authors and Affiliations

दिगंत बोरा
शोधार्थी, हिंदी विभाग, राजीव गांधी विश्वविद्यालय, रोनो हिल्स, इटानगर, अरुणाचल प्रदेश, भारत

रोमांटिक, रमन्यास, रमन्यासवाद (रोमांटिसिज़्म), स्वच्छंदतावाद, नवन्यासिक, प्रकृति, रहस्यात्मकता, व्यंगात्मकता, अतींद्रियवाद, असमिया, साहित्य, मानवतावाद, विद्रोही, राष्ट्रप्रेम, कल्पना, व्यक्तिसत्ता, वेदना, आत्मानुभूति, अभिजात्यवादी, शास्त्रीय आदि.

  1. पाश्चात्य काव्यशास्त्र : अधुनातन संदर्भ, सत्यदेव मिश्र, पृष्ठ- 318
  2. वही, पृष्ठ - 318
  3. वही, पृष्ठ – 318
  4. वही, पृष्ठ – 318
  5. पाश्चात्य काव्यशास्त्र : अधुनातन संदर्भ, सत्यदेव मिश्र, पृष्ठ- 321
  6. वही, पृष्ठ- 321
  7. हिंदी साहित्य एवं भाषा का वस्तुनिष्ठ इतिहास, सरस्वती पांडेय, गोविन्द पांडेय, पृष्ठ- 190
  8. असमिया साहित्य का परिचयात्मक इतिहास, डॉ. अलख निरंजन सहाय, पृष्ठ- 163
  9. वही, पृष्ठ - 164
  10. वही, पृष्ठ - 164-165
  11. वही, पृष्ठ - 165
  12. असमिया साहित्य का परिचयात्मक इतिहास, अलख निरंजन सहाय, पृष्ठ- 168
  13. वही, पृष्ठ- 168
  14. असमिया साहित्य का परिचयात्मक इतिहास, अलख निरंजन सहाय, पृष्ठ- 170
  15. असमिया साहित्यर रूपरेखा, डॉ. महेश्वर नेउग, पृष्ठ- 266
  16. आधुनिक असमिया साहित्यर परिचय, सं. द्विपेन नाथ, पृष्ठ- 129

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 51-60
Manuscript Number : SHISRRJ192112
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

दिगंत बोरा, "असमिया साहित्य और रमन्यासवाद", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 1, pp.51-60, January-February.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192112

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