Manuscript Number : SHISRRJ192113
Role of Education in Sustainable Development
Authors(1) :-गोविन्द दास शिक्षा राष्ट्रीय विकास, एकता, कल्याण और सुरक्षा के लिए सर्वोपरि सशक्त साधन है। सत् और असत् का ज्ञान ही वास्तविक शिक्षा है। वास्तविक अर्थों में शिक्षा सत्य की खोज है। यह ज्ञान और प्रकाश की सुस्थिर यात्रा है, ऐसी यात्रा धर्माधिष्ठित एकात्म मानवतावाद के विकास हेतु नए पथ खोलती है। व्यक्ति के व्यक्त्त्वि के विकास का अमोघ अस्त्र शिक्षा हमें सभ्यता, संस्कृति, एवं मानवीय मूल्यों से परिचित कराती है। हमारी पारम्परिक मान्यताएं शिक्षा के सन्दर्भ में ‘‘सा विद्या या विमुक्तये’’ की रही है, जो हमें संकीर्ण मनोभावों से ऊपर उठाती है तथा राष्ट्र की समृद्धि के सुस्थिर विकास में योगदान स्वरूप महत्त्वपूर्ण भूमिका है। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सुस्थिर विकास के लिए विश्व के देशों में आर्थिक उदारीकरण, वैश्वीकरण और औद्योगिकीकरण के अन्तर्गत मूलभूत सुविधाएं प्रदान कर क्रियान्वित करना सरकारों के समक्ष आज भी एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि सुस्थिर विकास की योजनाओं को क्रियान्वित करने में जनसहभागिता की नितान्त आवश्यकता है, जो पूर्णतः निःस्वार्थ भाव से राष्ट्रीय हितों में अपना योगदान सुनिश्चित करें। शिक्षा सुस्थिर विकास के लिए सशक्त साधन है। जिसकी ज्ञानात्मक अभिप्रेरणा से व्यक्ति सभी क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारिता के सुस्थिर विकास में योजनाओं को नवोत्कर्ष के साथ क्रियान्वित करता है। अतः यह कहना समीचीन होगा कि सुस्थिर विकास शिक्षा की अहम भूमिका है।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सुस्थिर विकास के लिए विश्व के देशों में आर्थिक उदारीकरण, वैश्वीकरण और औद्योगिकीकरण के अन्तर्गत मूलभूत सुविधएं प्रदान कर क्रियान्वित करना सरकारों के समक्ष आज भी एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि सुस्थिर विकास की योजनाओं को क्रियान्वित करने में जनसहभागिता की नितान्त आवश्यकता है, जो पूर्णतः निःस्वार्थ भाव से राष्ट्रीय हितों में अपना योगदान सुनिश्चित करें। शिक्षा सुस्थिर विकास के लिए सशक्त साधन है। जिसकी ज्ञानात्मक अभिप्रेरणा से व्यक्ति सभी क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारिता के सुस्थिर विकास में योजनाओं को नवोत्कर्ष के साथ क्रियान्वित करता है। अतः यह कहना समीचीन होगा कि सुस्थिर विकास में शिक्षा की अहम भूमिका है।
गोविन्द दास शिक्षा, राष्ट्रिय, धर्माधिष्ठित, वैश्विकरण, औद्योगिकरण, उदारिकरण,ज्ञानात्मक,नवाचारिता। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019 Article Preview
शोधछात्र, शिक्षाशास्त्र विभाग, श्री लाल बहादुरशास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली, भारत
Date of Publication : 2019-01-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 61-68
Manuscript Number : SHISRRJ192113
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192113