Manuscript Number : SHISRRJ192131
Impact of Culture on Education
Authors(1) :-Devesh Sharma भारतवर्ष विभिन्नताओं से भरा देश हुआ है। यहां जाति, धर्म, भाषा, परम्पराओं व मूल्यों की दृष्टि से विभिन्नताएं विद्यमान है और ऐसे देश में शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह इन विभिन्नताओं के मध्य एकता स्थापित करें। इसी कारण शिक्षाशास्त्रियों एवं समाज शास्त्रियों का यह विचार है कि शिक्षा व संस्कृति में परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध होना चाहिए। इस प्रकार कहा जा सकता है कि भारतीय भाषा संस्कति के प्रसंगों से यह स्पष्ट है कि संस्कृत को बनाये रखना उसका पोषण करना तथा उसे विकसित करना अति आवश्यक है। क्योंकि जिस प्रकार संस्कृति शिक्षा को प्रभावित करती है, ठीक उसी प्रकार शिक्षा भी संस्कृति को प्रभावित करती है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। जैसे की बौद्धिक विकास पर समुचित ध्यान नहीं दिया जाता क्योंकि भावनात्मक विकास से प्राण ऊर्जा-शक्ति का विकास होता है, जिससे की भारतीय संस्कृति के प्रति समता, सहयोग, संस्कार, मूल्य और न्याय की भावना जागृत होगी और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को दृढ़ निश्चय होकर अपनी क्षमताओं का विकास करना होगा। परिणाम स्वरुप नई पीढ़ी पर भेदभाव, जातिवाद, साम्प्रदायिक हिंसा प्रवृत्तियों का प्रभाव नहीं पडे़। इसी प्रकार संस्कृति का शिक्षा पर प्रभाव देखा जा सकता है।
Devesh Sharma शक्षा, संस्कृत, भाषा, समता, संस्कृति। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019 Article Preview
Research Education Department, Shri Lal Bahadur Shastri National, Sanskrit Vidyapith, New Delhi, India
Date of Publication : 2019-02-28
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 164-167
Manuscript Number : SHISRRJ192131
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192131