व्यक्तित्व विकास में शिक्षा की भूमिका

Authors(1) :-यासमीन अशरफ

शिक्षा ही एक मात्र ऐसी विद्या है जो यदि व्यक्ति व्यवहार में उतार ले तो वह निरंतर सकारात्मक एवं आनंदमय जीवन जीने के योग्य हो जाता हैै। शिक्षा मनुष्य को एक सामाजिक व्यक्ति के रुप में पोषित करती है उसका चिंतन उसके विचारों को जागृत कर समाज में स्थान दिलाती है व्यक्ति सदैव अपने आप में शंकित रहता है जब वह किसी से मिलता है तो उसे कैसे बर्ताव करना है , सामने वाले की मनःस्थिति को जाने बगैर उसके प्रति किसी भी प्रकार का दृष्टिकोण विकसित नहीं करना है अथवा करना है इन सब बातों से वह सदैव घबराया हुआ रहता है। दिन प्रतिदिन की कठिन परिस्थितियों में स्वयं को किस प्रकार से समायोजित करना है इन सभी समस्याओं का हल शिक्षा के द्वारा संभव है। व्यक्तित्व विकास अक्सर एक अच्छी शिक्षा के साथ संगत किया जाता है। एक अच्छा व्यक्तित्व विकसित करने में शिक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस पत्र में व्यक्तित्व विकास में शिक्षा किस प्रकार से सहयोग देती है पर प्रकाश डाला गया है।

Authors and Affiliations

यासमीन अशरफ
शोधछात्रा, शिक्षा संकाय, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नई दिल्ली, भारत

व्यक्तित्व विकासॉ शिक्षा

  1. https://targetstudy.com/articles
  2. https://en.wikipedia.org/wiki/Personality_development
  3. श्रीवास्तव, डॉ ज्ञानेंद्र प्रकाश .(२००२). शिक्षा मनोविज्ञान नवीन विचारधारायें , नई दिल्ली: कांसेप्ट पब्लिशिंग कंपनी .
  4. डॉ सुलेमान, मुहम्मद. (२०१४). उच्चतर शिक्षा मनोविज्ञान, नई दिल्लीः मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर्स

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 168-172
Manuscript Number : SHISRRJ192133
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

यासमीन अशरफ, "व्यक्तित्व विकास में शिक्षा की भूमिका", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 1, pp.168-172, January-February.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192133

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