हिन्दू धर्म की उपासना-पद्धति में मानव कल्याण

Authors(1) :-अमित सिंह

भारत देश विभिन्न धर्म, जाति, समुदायों, कलाओं, भाषाओं और विभिन्न संस्कृति से समन्वित जन समूहों का देश है। इन सबको समेटे हुए भी हमारे देश की मुख्य पहँचान हमारे धर्म और संस्कृति से है। हिन्दू सनातन धर्म और सनातन संस्कृति का संपूर्ण विश्व में गरिमामयी और विशिष्ट स्थान है। हिंदू-धर्म वृक्ष सनातन है। हिन्दू संस्कृति को संस्कारित करने वाली संस्कृत: भाषा पूर्णत: वैज्ञानिक और सूक्ष्म ध्वनि तरंगों की गति पर आधारित है। यह भाषा अपने अंदर सनातनी भाव को समेटे हुए है एवं शब्दों में ही गुण और दोष को व्यक्त करती है। अत: जिस धर्म का दूसरे धर्मों के साथ कोई विरोध न हो, जो समस्त मानवता के अभ्युदय तथा कल्याण में समान रूप से सहायक हो तो वही सनातन धर्म है और उसी धर्म में मानव कल्याण संभव होता है |

Authors and Affiliations

अमित सिंह
शोध छात्र, डॉ.राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद, भारत

सनातन’ संस्कृति , ऋषियों, तत्त्वदर्शियों, सन्तों, भक्तों, विचारको, चिन्तकों

  1. डा० हरेन्द्रप्रसाद सिन्हा, धर्म दर्शन की रूपरेखा, पृ० 94
  2. आर सी.जेह्नेर-हिन्दुस्म,पेज १
  3. डा० राधाकृष्णन, धर्म और समाज, पेज 123
  4. डा० राधाकृष्णन, धर्म और समाज,पेज 124
  5. श्रीमद भागवत, 329-21
  6. डॉ० राधाकृष्णन, धर्म और समाज, पृ० 128
  7. हिन्दू धर्म का तात्त्विक स्वरूप, पृ० 88
  8. विश्व के विविध धर्म– पृ० 26
  9. वायुपुराण 1/1
  10. पु०रा०, पृ० 50
  11. गीता, 8/12-13
  12. गीता, 8/10

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 179-183
Manuscript Number : SHISRRJ192135
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

अमित सिंह, "हिन्दू धर्म की उपासना-पद्धति में मानव कल्याण", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 1, pp.179-183, January-February.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192135

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