Manuscript Number : SHISRRJ192145
केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं का ग्रामीण समाज पर प्रभाव
Authors(1) :-डाॅ. कमलकान्त पटेल दुनिया में आर्थिक विकास के संदर्भ में दो विचारधाराएँ प्रचलित है। पहली विचारधाराऐं विश्व को भारत के संदर्भ में देखना जिसका नेतृत्व नेहरूजी ने किया था जो शहरों में विभाजित करती है। इस संदर्भ में भारत को गांधी जी ने गाँवों में विभाजित करने की विचारधारा रखते थे। विश्व के इतिहास मंे गांधीजी ने राजनीति मूल्य, शांति, समाज, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, आध्यात्मिक आदि क्षेत्रों में काम किया। रचनात्मक कार्यक्रम व्यक्तिगत एवं सामाजिक विकास के साथ-साथ मानव जाति के सम्पूर्ण विकास को समझने की कार्य पद्धति है। भारतीय समाज मे जाति प्रथाा के कारण जो विषमता आ गई थी और कुछ लोग समाज में अवगणना, भेदभाव एवं शोषण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे उन्हें रोकने के लिए गांधीजी ने आदिवासियों को अपने कार्यक्रमों में स्थान दिया। गांधी जी स्पष्ट मानते थे कि आदिवासी प्रकृति के साथ आन्तरिक रूप से जुडे हुए है, वे जल-जंगल-जमीन के संरक्षक है उनकी जीवन शैली प्रकृति के संसर्ग से जुडी हुई है। आदिवासियों की जीवन शैली खान-पान, रहन-सहन, कृषि, आयोग्य, आध्यात्म इत्यादि पहलू इसी प्रकृति के संसाधनों से है। समाज में इन्हें न्यायपूर्ण स्थान मिला हुआ है। समाज की मुख्य धारा में जुडे होने से गाँववासियों की जीवन शैली पर्यावरण की रक्षक है।
डाॅ. कमलकान्त पटेल जनकल्याणकारी योजनाएंे, सामाजिक असमानता, ग्रामीण जीवन शैली, संस्कृति एवं प्रस्थिति, युवा शक्ति व स्वास्थ्य, आदिवासी समाज के बदलते प्रतिमान, अमीरी-गरीबी, योजनाओं का प्रभाव, ग्रामीण विकास इत्यादि। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 2 | March-April 2019 Article Preview
याख्याता (अतिथि), समाजशास्त्र विभाग, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर, भारत
Date of Publication : 2019-03-30
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Page(s) : 18-25
Manuscript Number : SHISRRJ192145
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192145