उत्तररामचरित में ब्रह्म का स्वरूप

Authors(1) :-सकीना कुमारी सालवी

यह ब्रह्म क्या है? इसका स्वरूप क्या है? इस संसार में विभिन्न प्रकार के इस नामरूपात्मक प्रपंच की उत्पत्ति किससे हुई? इसका नियन्त्रण करने वाला तत्व कौन है? किसकी प्रेरणा से यह समस्त जगत् चलता है या किससे प्रेरित होकर सभी जीव-जन्तु अपने-अपने कार्य को करने को प्रेरित होते हैं? ये सभी प्रश्न मानव की बुद्धि में उत्पन्न होना एक स्वाभाविक ह

Authors and Affiliations

सकीना कुमारी सालवी
शोधछात्रा, धर्मागम विभाग, संस्कृतविद्या धर्मविज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, भारत

  1. केनोपनिषद् 1/1
  2. कठोपनिषद् 2/3/3
  3. श्री.म.गी. 15/15
  4. ब्रह्मसूत्र 1/1
  5. शब्दकल्प द्रुम तृतीयभाग पृ. 442-443
  6. तै.उ. 3/1
  7. बृहदारण्यकोपनिषद् तृतीय अध्याय
  8. स्वामी शिवानन्दः अध्यात्म विद्या, पृ. 335
  9. बृहदारण्यकोपनिषद् 3-8-8 से 11
  10. केनोपनिषद 1/5
  11. श्वेताश्वतरोपनिषद् 6-11
  12. छान्दोग्योपनिषद् 6-2-2-3
  13. केनोपनिषद् 2-5
  14. उत्तरामचरितम् 2/3
  15. उत्तररामचरितम् 2/5 के बाद पृ. 130
  16. वही 2/12
  17. शम्बूक-यावत्पुराण ब्रह्मर्षिमगस्त्यमभिवाद्यं शाश्वतं पदमनुप्रतिशाभि। उ.च. 2/21 के बाद पृ. 162
  18. उ.च. 1/10
  19. उ.च. 4/18
  20. वही 6/6
  21. उ.च. 7/21
  22. चटर्जी एवं दत्तः भारतीयदर्शन पृ. 258

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 29-33
Manuscript Number : SHISRRJ19219
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

सकीना कुमारी सालवी, "उत्तररामचरित में ब्रह्म का स्वरूप", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 1, pp.29-33, January-February.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19219

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