Manuscript Number : SHISRRJ19231
महिला सशक्तिकरण और भारतीय राजनीति में महिला स्थिति
Authors(1) :-डाॅ. नरेश कुमार सालवी देश की ताजा जनगणना सन् 2011 के अनुसार महिला की शैक्षणिक स्थिति काफी चिन्ताजनक है। देश में पुरुष साक्षरता दर 82.14प्रतिशत और महिला साक्षरता दर मात्र 65.46 प्रतिशत बनी हुई है। शैक्षणिक दृष्टि से महिला अब भी पिछड़ी हुई है और महिला शिक्षा के प्रसार की आज बहुत आवश्यकता है। पुरूष प्रधान भारतीय समाज में नारी की स्थिति दिल दहलाने वाली बनी हुई है। मनुस्मृति में महिला का स्वतंत्र अस्तित्व स्वीकार नहीं किया गया - ‘बचपन में पिता, जवानी में पति और बुढ़ापे में पुत्र के अधीन रखा गया है।’ हालांकि भारतीय संविधान ने नारी को पुरुष के समकक्ष माना है। सरकार की ओर से समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे- दहेज प्रथा का विरोध, भ्रूण हत्या पर प्रतिबन्ध, लिंग परीक्षण पर पाबन्दी के प्रयासों का भारतीय समाज में कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा, बल्कि ये कुरीतियाँ ज्यादा फैल रही हैं। आज समाज में उनकी दयनीय स्थिति समाज में चली आ रही परम्पराओं का परिणाम है। महात्मा गांधी ने कहा था - ‘स्त्री तो पुरुष की सहचरी है, उसे पुरुष के समान ही मानसिक क्षमताएँ प्राप्त हैं। उसे पुरुष की गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार है और पुरुष के समान ही स्वतंत्र और स्वाधीनता का अधिकार प्राप्त है। पुरुष और स्त्री का दर्जा बराबर है, लेकिन एक जैसा नहीं है। वे एक अनुपम युगल हैं और एक-दूसरे के पूरक हैं। उनमें से प्रत्येक एक-दूसरे की सहायता करते हैं, इस प्रकार एक के बिना दूसरे के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती। विभिन्न कुप्रथाओं व समस्याओं ने महिलाओं को दयनीय व हीन अवस्था में पहुंचा दिया है। पर्दा प्रथा के कारण महिला घर में बंदी बना दी गई। दहेज प्रथा ने पुत्री के जन्म को ही अभिशाप बना दिया। बाल विवाह ने विधवा समस्या व वेश्यावृत्ति को जन्म दिया। समाज में कुप्रथाओं के बढ़ने से महिला की स्थिति अधिक जटिल और संकट में घिर गई।
डाॅ. नरेश कुमार सालवी Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 2 | March-April 2019 Article Preview
शोधार्थी मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, भारत
Date of Publication : 2019-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 93-100
Manuscript Number : SHISRRJ19231
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19231