उतर वैदिक कालीन अर्थव्यवस्था के आधुनिक समाजशास्त्रीय आयाम

Authors(1) :-डाॅ. वीरेन्द्र कुमार मौर्य

उतर वैदिक कालिक अर्थव्यवस्था आधुनिक अर्थ व्यवस्था के लिए प्रतिदर्श है अर्थात् आधुनिक अर्थव्यवस्था वैदिककालिक अर्थव्यवस्था का अनुसरण करती है। उŸारवैदिककाल में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था उन्नत अवस्था में थी। अनेक संहिताओं एवं ब्राह्मण ग्रन्थों में सिंचाई के साधनों खेतों की जुताई-बुवाई से लेकर अनके प्रकार के फसलों का वर्णन प्राप्त होता है। कृषिकार्य के साथ ही साथ अनेक प्रकार के शिल्पों एवं व्यापारिक श्रेणियों का उल्लेख है जो कृषि एवं व्यापार वाणिज्य को उन्नति की ओर संकेत करती है।

Authors and Affiliations

डाॅ. वीरेन्द्र कुमार मौर्य
असि. प्रोफेसर संस्कृत, राजकीय स्नातकोŸार महाविद्यालय, आलापुर, अम्बेडकरनगर।, भारत

उतर वैदिककालिक, अर्थव्यवस्था, आधुनिक, कृषि, संहिता, ब्राह्मण, ग्रन्थ।

  1. शतपथ ब्राह्मण 1/4/1/10
  2. शतपथ ब्राह्मण 13/3/7/10
  3. ऐतरेय ब्राह्मण 3/44
  4. सामान्य अध्ययन (यूनिक पब्लिशर्स, नई दिल्ली) पृष्ठ 230
  5. अथर्ववेद 8/10/24
  6. भारतीय अर्थव्यवस्था, सर्वेक्षण तथा विश्लेषण(2001) डाॅ एस0एन0 लाल पृष्ठ 219
  7. शतपथ ब्राह्मण 1/6/2/3
  8. अथर्ववेद 3/14/3
  9. अथर्ववेद 3/13/7
  10. भारत का भूगोल (सामान्य अध्ययन विशेषांक, वाणी प्रकाशन) पृष्ठ123-24
  11. अथर्ववेद 7/18/39
  12. अथर्ववेद 7/18/2
  13. अथर्ववेद 6/50/52
  14. छान्दोग्योपनिषद् 10/1-3
  15. वाजसनेपि संहिता 18/12, 19/22, 21/29
  16. अथर्ववेद 6/9/1
  17. अथर्ववेद 9/5/4
  18. अथर्ववेद 5/2/28
  19. वाजसनेपि संहिता 17/2/1, अथर्ववेद 11/3/17, 12/2/1
  20. अथर्ववेद 2/4/5
  21. भारतीय अर्थव्यवस्था, सर्वेक्षण तथा विश्लेषण(2001) डाॅ एस0 एन0 लाल पृष्ठ 2, 28, 29
  22. वाजयनेपि संहिता-23/19/1
  23. ऐतरेय ब्राह्मण-3/44

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 2 | March-April 2019
Date of Publication : 2019-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 236-239
Manuscript Number : SHISRRJ192320
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. वीरेन्द्र कुमार मौर्य, "उतर वैदिक कालीन अर्थव्यवस्था के आधुनिक समाजशास्त्रीय आयाम", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 2, pp.236-239, March-April.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192320

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