Manuscript Number : SHISRRJ19233
प्राचीन संस्कृत वाङ्मय में मानवीय मूल्य
Authors(1) :-कृष्ण कान्त सालवी मूल्य वे मानदण्ड हैं, जो सम्पूर्ण संस्कृति और समाज को अभिप्राय और सार्थकता प्रदान करते हैं। जिन स्तम्भों पर मानव ने सभ्य और सुसंस्कृत जीवन का प्रासाद खडा किया है, उनका नाम ही मानव मूल्य है अथवा मनुष्यत्व की रक्षा के निमित्त जिन गुणों की अपेक्षा की जाती है, वे ही मानवीय मूल्य से अभिप्रेत है अथवा मानवीय मूल्य को हम इस प्रकार भी पारिभाषित कर सकते हैं कि मानव के लिए क्या करणीय हैं ? और क्या अकरणीय हैं ? इन विषयों का मार्गदर्शन जिन तत्वों के द्वारा किया जाता हैं, उन्हें मानवीय मूल्य कहते हैं। संक्षेप में, मानवमूल्य वे ही हैं, जो समाज को संगठित और अनुशासित कर लोकमंगल और आत्मोपलब्धि में सहायक होते हैं।
कृष्ण कान्त सालवी Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 2 | March-April 2019 Article Preview
गायत्री नगर, खेमली स्टेशन, तहसील, मावली, जिला, उदयपुर, राजस्थान,भारत
Date of Publication : 2019-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 107-110
Manuscript Number : SHISRRJ19233
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19233