Manuscript Number : SHISRRJ19237
उदयपुर के प्रमुख स्थंभ कलाकार एवं समकालीन कला परिदृश्य
Authors(1) :-डॉ संदीप कुमार मेघवाल राजस्थान का दक्षिणी भू.भाग भौगोलिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से विशिष्टता लिए हुए विध्यमान है। इस क्षेत्र में उदयपुरए डूंगरपुरए बांसवाड़ाए चित्तौड़गढ़ए प्रतापगढ़ए सिरोही जिलें स्थित है। इन जिलों में स्थित विश्व की प्राचीन अरावली पर्वतश्रंखला में जनजातियों की बहुलता है। भौगोलिक एवं सांस्कृतिक परिवेश के अनुकूल इन जनजातियों के पारंपरिक रीतिरिवाजए विश्वासए मान्यताएंए शिकारए विश्राम आदि पहाड़ी वनों से आच्छादित संस्कृति प्रधान क्षेत्र सांस्कृतिक विभिन्नता रहन.सहनए आभूषणए भित्ति चित्रणए काष्ठ कलाए साज.सज्जाए जलवायु के अनुसार उत्सवए रीति रिवाजए वन सम्पदा से जुड़ी धार्मिक पृष्ठभूमि का क्षेत्र कलात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह क्षेत्र आदिकाल से कलात्मक गतिविधियों का केंद्र रहा है जैसे आहड़ सभ्यताए गिलुंडए बलाथलए चंद्रावती इत्यादि। दूसरी और मेवाड़ का इतिहास राष्ट्रीय स्वाभिमानए पराक्रम एवं सांस्कृतिक चेतना क्षेत्र मे महत्वपूर्ण योगदान है। यहाँ भागवतए गीत गोविंद जैसे अनेक सचित्र ग्रंथ महत्वपूर्ण सांस्कृतिक निधि है। इसी क्रम मे राजसी वैभव मे पल्लवित प्रदेश की परंपरागत चित्रकला से लेकर समकालीन चित्रकला दौर के विकास क्रम मे कई कलाकार सृजनरत है। इस क्रम मे प्रमुख कलाकारों का दक्षिण राजस्थान क्षेत्र में योगदान पर ध्यानाकर्षित करेंगे।
डॉ संदीप कुमार मेघवाल Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 2 | March-April 2019 Article Preview
(स्वतंत्र कलाकार), पता- मु. पो.- गातोड़(जयसमंद), तहसील- सराड़ा, जिला- उदयपुर, राजस्थान-313905,भारत
Date of Publication : 2019-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 130-142
Manuscript Number : SHISRRJ19237
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19237