Manuscript Number : SHISRRJ19238
महात्मा गांधी विचार का कलात्मक प्रयोग एवं समकालीन परिदृश्य मे प्रासंगिकता।
Authors(1) :-डॉ संदीप कुमार मेघवाल गांधी जी का जीवन सत्य, अहिंसा, सादगी और भाईचारे पर आधृत था इसलिए कला के संबन्ध में उनका विचार भी सादगी, सरलता, जीवंतता और जनमानस से सहज जुडने की प्रक्रिया के अनुकूल था। वे कला सत्यम् शिवम् सुंदरम् में सुन्दरम् के स्थान पर रखते थे। गांधी जी का स्वदेशी अपनाओं का नारा सिर्फ स्वदेसी उद्योग क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है, यह स्वदेशी कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देना भी है। लेकिन साधारण तौर पर इस नारे को स्वदेशी उद्योगो के बढ़ावे के संदर्भ से ही जोड़ा गया है। हमे गांधी विचार का ग्रामीण विकास में कलात्मक प्रयोग कि और भी ध्यान आकर्षित करना चाहिए।
डॉ संदीप कुमार मेघवाल Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 2 | March-April 2019 Article Preview
(स्वतंत्र कलाकार), पता- मु. पो.- गातोड़(जयसमंद), तहसील- सराड़ा, जिला- उदयपुर, राजस्थान-313905,भारत
Date of Publication : 2019-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 143-150
Manuscript Number : SHISRRJ19238
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19238