Manuscript Number : SHISRRJ192402
आयार्च कौटिल्य कृत अर्थशास्त्र के अनुसार सप्तांगों का विवेचन
Authors(1) :-सुमन कुमारी ‘‘कौटिल्; का सप्तांÛ सि)ांत’’ केवल राज्; के साव;त स्वःप (व्तहंदपब वितउ) का निःप.ा करता है बल्कि ;ह संकेत भी देता है कि राज्; के किस अंÛ का क्;ा कार्; है। राजनीति की सू{म विवेचना करने में आचार्; कौटिल्; का नाम अÛ्रÛ.; है। आ/ाुनिक ;ुÛ में राज्; के अस्तित्व के लि, इन सभी तत्वों को आव”;क नहीं समझा जाता। कौटिल्; }ारा प्रतिपादित सात अंÛो की सर्वश्रे’ठता ,वं वि”ाु)ता पर ही राज्; की सर्वश्रे’ठता मानी जाती है।
सुमन कुमारी कौटिल्य, अर्थशास्त्र, सप्तांगा, राजनीति। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019 Article Preview
शोधरत छात्रा, राजनीति विज्ञान विभाग, राॅची विश्वविद्यालय, राॅची, भारत
Date of Publication : 2019-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 29-33
Manuscript Number : SHISRRJ192402
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192402