महापुराणों में भागवतपुराण एक संक्षिप्त परिचय

Authors(1) :-हंसराज जोशी

पुराण साहित्य में सर्वाधिक प्रचलित कृति भागवत-पुराण ही है। इस पर अनेक संस्कृत व्याख्याएं हुई हैं तथा अनेक भाषाओं में इसके रुपान्तर है। रामायण के समान इसका व्यापक प्रचार है। भक्तिरस का आधारग्रन्थ और धर्म का रसमय स्वरुप होने के कारण इसे अनुपम प्रसिध्दि प्राप्त है। अन्य पुराणों की अपेक्षा इसकी भाषाशैली अत्यधिक परिष्कृत,लालित्यपूर्ण,कवित्वमय व प्रौढ़ है। शिक्षित जनों के घर में वेद या अन्य पुराण भले ही न मिलें किन्तु भागवत पुराण अवश्य मिलेगा। विभिन्न अवसरों पर किसी फ़ल के उद्देश्य से इस पुराण का सप्ताह-परायण होता है। इसे सभी दर्शनों का सार(निगमकल्पतरोर्गलितं फलम्) तथा विद्वानों का परीक्षास्थल कह गया है,(विद्य़ावतां भागवते परीक्षा)।

Authors and Affiliations

हंसराज जोशी
शोधार्थी, चलभाष

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019
Date of Publication : 2019-07-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-04
Manuscript Number : SHISRRJ19241
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

हंसराज जोशी, "महापुराणों में भागवतपुराण एक संक्षिप्त परिचय", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 4, pp.01-04, July-August.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19241

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