Manuscript Number : SHISRRJ1925013
कालिदास के काव्यों में शैक्षिक-चेतना
Authors(1) :-डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक महाकवि कालिदास की शैक्षिक-चेतना भारतीय ज्ञान-दर्शन से अनुप्राणित है। उनकी दृष्टि में शिक्षा व्यक्ति की अन्तर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रक्रिया है। वे शिक्षा को प्रकाश का स्रोत मानते हैं; जिससे व्यक्ति अपने जीवन के सूक्ष्मतम कार्यों के सम्पादन में सक्षम हो पाता है। शिक्षा प्राप्ति में ‘अभ्यास’ का महत्त्वपूर्ण स्थान है। गुरु और शिष्य का मधुर सम्बन्ध सीखने और सिखाने की क्रिया (शिक्षा) का आधार होता है।
डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक आन्वीक्षिकी, शिक्षा, आश्रम, धर्मशास्त्र, अध्यापक, परीक्षक, प्रबोध, विनय, संस्कृति, आचरण। Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 3 | September-October 2018 Article Preview
प्रवक्ता (संस्कृत), किशोरी रमण इण्टर कॉलेज, मथुरा (उत्तर प्रदेश), भारत
Date of Publication : 2018-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 61-68
Manuscript Number : SHISRRJ1925013
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ1925013