कालिदास के काव्यों में शैक्षिक-चेतना

Authors(1) :-डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक

महाकवि कालिदास की शैक्षिक-चेतना भारतीय ज्ञान-दर्शन से अनुप्राणित है। उनकी दृष्टि में शिक्षा व्यक्ति की अन्तर्निहित क्षमता तथा उसके व्यक्तित्व को विकसित करने वाली प्रक्रिया है। वे शिक्षा को प्रकाश का स्रोत मानते हैं; जिससे व्यक्ति अपने जीवन के सूक्ष्मतम कार्यों के सम्पादन में सक्षम हो पाता है। शिक्षा प्राप्ति में ‘अभ्यास’ का महत्त्वपूर्ण स्थान है। गुरु और शिष्य का मधुर सम्बन्ध सीखने और सिखाने की क्रिया (शिक्षा) का आधार होता है।

Authors and Affiliations

डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक
प्रवक्ता (संस्कृत), किशोरी रमण इण्टर कॉलेज, मथुरा (उत्तर प्रदेश), भारत

आन्वीक्षिकी, शिक्षा, आश्रम, धर्मशास्त्र, अध्यापक, परीक्षक, प्रबोध, विनय, संस्कृति, आचरण।

  1. रघुवंश 18/50
  2. कामन्दकीय नीतिसार-2/2
  3. कौटिल्य-अर्थशास्त्र- 1/2 तथा कामन्दकीय नीतिसार-2/5- तस्यां तु सर्वविद्यानामारम्भा: समुदादृता:।
  4. कौटिल्य-अर्थशास्त्र -1/2- बलाबलं चेतासां हेतुभिरन्वीक्षमाणा लेकस्योपकरति।
  5. अर्थशास्त्र-1/4, - अलब्धलाभार्था, लब्धपरिरक्षिणी, रक्षितविवर्धनी, वृद्धस्य तीर्थेषुप्रतिपादनी च।
  6. याज्ञवल्क्य स्मृति-1/3 पुराणन्याय मीमांसा धर्मशास्त्राङ्ग मिश्रिताः। वेदाः स्थानानि विद्यानांधर्मस्य च चतुर्दश।।
  7. रघुवंश 13/60 'बुद्धेरिवाव्यक्तमुदाहरन्ति', जैसे अव्यक्त अर्थात् प्रकृति से बुद्धि उत्पन्न हुई।
  8. रघुवंश 8/24 'पुरुषं योग समाधिना रघुः'।
  9. रघुवंश 11/10 पूर्ववृत्त कथितैः पुराविदः, तत्रैव - 18/23-पुराविदो यं व्युषिताश्वमाहुः।
  10. तत्रैव- 3/19- प्रमोदनृत्यैः सह वारयोषिताम्
  11. तत्रैव- 3/28 'लिपेर्यथावद्ग्रहणेन'।
  12. तत्रैव- 18/46 'न्यस्ताक्षरामक्षरभूमिकायाम्।
  13. प्रो. वी.वी. मिराशी, कालिदास, पृ. 251
  14. मालविकाग्निमित्र 1/16 के बाद
  15. अभिज्ञानशाकुन्तल - 4/4 से पूर्व।
  16. मालविकाग्निमित्र 1/18 से पूर्व
  17. तत्रैव - 1/15 के बाद

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 3 | September-October 2018
Date of Publication : 2018-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 61-68
Manuscript Number : SHISRRJ1925013
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ॰ रजनीश कुमार पाठक, "कालिदास के काव्यों में शैक्षिक-चेतना ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 1, Issue 3, pp.61-68, September-October.2018
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ1925013

Article Preview