मीमांसा दर्शन के अनुसार वाक्यार्थ स्वरूप

Authors(1) :-डॉ॰ मधुमिता

मीमांसकों का वाक्य के क्षेत्र में अवतार बहुत महत्त्वपूर्ण रहा क्ोंकि एक ओर प्राछीन मत अन्विताभिधानवाद द्वारा शब्द की स्वतन्त्र सत्ता और सामान्य वाचकता को वे नहीं मानते तो दूसरी ओर अभिहितान्वयवाद के नवीन मत से पदों की स्वतन्त्र सत्ता और वाचकता भी उन्हें स्वीकार्य है। अर्थात् अज्ञात भाषा के बोध के लिए पहला पक्ष ग्राह्य है; जबकि अभिहितान्वयवाद का नया पक्ष ज्ञात भाषा के क्षेत्र में कारगर है। हम शब्दार्थ जानते हों तभी विशिष्टार्थ के रूप में वाक्यार्थ बोध कर सकेंगे।

Authors and Affiliations

डॉ॰ मधुमिता
A-21, बैंकमेन्स कॉलोनी, चित्रगुप्तनगर, कंकरबाग पटना, बिहार, भारत

भावना, साध्य, करण, इतिकर्तव्यता, आर्थी, शाब्दी, वाक्यार्थ, मीमांसा इत्यादि।

  1. जैमिनि - मीमांसासूत्र 1.1.25
  2. मीमांसासूत्र 1.1.25 पर शाबरभाष्य।
  3. काव्यप्रकाश 2.6
  4. साहित्यदर्पण 5.1
  5. संस्कृत व्याकरण दर्शन, पृ॰ 411
  6. गोविन्द ठक्कुर - काव्यप्रदीप, पृ॰ 17 तद्यावत् पदानां पदार्थमात्रे शक्तिः, नत्वन्वयांशेऽपि।
  7. महाभाष्य 1.2.45
  8. कैयट-महाभाष्यप्रदीप 1.2.45
  9. संस्कृत व्याकरण दर्शन (डॉ. त्रिपाठी), पृ॰ 370
  10. वाक्यपदीय 2.1 पर पुण्यराज की टीका (पृ॰ 13)
  11. अम्बाकर्त्री व्याख्या वा. प. 2.1 (पृ॰ 14)
  12. अम्बाकर्त्री व्याख्या, पृ॰ 13, (वा.प. 2.1)
  13. लौगाक्षिभास्कर अर्धसंग्रह, खण्ड-13 (पृ॰ 25) तत्राज्ञातार्थज्ञापको वेदभागो विधिः।
  14. अर्थसंग्रह, खण्ड-8 (पृ॰ 15)
  15. उपरिवत्, खण्ड-9 (पृ॰ 17)
  16. उपरिवत्, खण्ड-10 (पृ॰ 21)
  17. अम्बाकर्त्री व्याख्या वा. प. 2.1 (पृ॰ 14), वाक्यपदीय, 2.1, पृ॰ 14

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 3 | September-October 2018
Date of Publication : 2018-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 74-79
Manuscript Number : SHISRRJ1925015
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ॰ मधुमिता, "मीमांसा दर्शन के अनुसार वाक्यार्थ स्वरूप ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 1, Issue 3, pp.74-79, September-October.2018
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ1925015

Article Preview