पंडित दीनदयाल उपाध्याय की दृष्टि में अंत्योदय का सर्वांगीण चिन्तन

Authors(1) :-डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः

भारत राष्ट्र के निर्माता महान् विभूतियों में स्वर्गीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम एक अमर चिरस्मरणीय महापुरुष के रूप में लिया जाता है, उनकी दूरदृष्टि के अंत्योदय के माध्यम से ही समग्र राष्ट्र ही नहीं, समग्र विश्व का सम्यक एवं पूर्णांग विकास हो सकता है।

Authors and Affiliations

डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः
एसोसिएट प्रोफेसर, स्वः लक्ष्मी कुमारी बधाला गर्ल्स पी.जी. कॉलेज गोविन्दगढ़ चौमूँ (जयपुरम्)

  1. उ.प्र. संदेश सितम्बर 1991 पृष्ठ संख्या 40-65
  2. भारत के वैभव का दीनदयाल मार्ग ह्य.ना.दी पृष्ठ संख्या 28-29
  3. पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजनीतिक चिंतन पृष्ठ संख्या 29
  4. पंडित दीनदयाल उपाध्याय व्यक्त्ति दर्शन पृष्ठ संख्या 58
  5. पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजनैतिक चिन्तन पृष्ठ संख्या 38
  6. विजयवाड़ा अधिवेशन में दिया भाषण 1965
  7. जनसंघ विशेषक आर्गनाइजर 1956
  8. डॉ० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री, दीनदयाल उपाध्याय चिन्तन की प्रासंगिकता, प्रवक्ता.कॉम, 01.03.2018, पृष्ठ 3
  9. शिवानन्द द्विवेदी, दीनदयाल उपाध्याय सिर्फ नाम नहीं बल्कि एक विचार है, जागरण सवेरा, 01.03.2018, पृष्ठ 2
  10. महेश चन्द शर्मा, दीनदयाल उपाध्यायः कर्तव्य एवं विचार, प्रभात पब्लिकेषन, नई दिल्ली, 1994, पृष्ठ 250-258
  11. दीनदयाल उपाध्याय, एकात्म मानववाद, प्रभात पब्लिकेशन, 2016, पृष्ठ 80-82
  12. शरत अनन्त कुलकर्णी, एकात्म अर्थनीति, सुरूचि प्रकाशन, केशव कुंज, झण्डेवाला, नई दिल्ली, 2014, पृष्ठ 10-15

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 3 | September-October 2018
Date of Publication : 2018-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 93-96
Manuscript Number : SHISRRJ1925018
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः , "पंडित दीनदयाल उपाध्याय की दृष्टि में अंत्योदय का सर्वांगीण चिन्तन ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 1, Issue 3, pp.93-96, September-October.2018
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ1925018

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