वेदों में वर्णित देवी एवं देवताओं के शक्ति स्वरूप की संक्षिप्त विवेचना

Authors(1) :-डाॅ अवनीश जायसवाल

वेद कहते हैं कि शक्ति से ही यह ब्रह्माण्ड चलायमान है। वैदिक लोग प्राकृतिक शक्तिओं को साकार रूप में मानते थे। देवी देवताओं का विभिन्न रुपों का वर्णन वेदों में मिलता है। उपरोक्त के अतिरिक्त अनुमति, सुनृता (उदारता) असुनीति, रति, सरण्यू, अश्रीनाशन देवता इत्यादि का भी उल्लेख अनेक रुपों में प्राप्त होता है।

Authors and Affiliations

डाॅ अवनीश जायसवाल
ग्राम-उसरी, पोस्ट-रिठियां, जिला-आजमगढ़, भारत

वेद, वैदिक, देवी, देवता, शक्ति, प्रकृति, ब्रह्माण्ड, ऊर्जा।

(1) ऋग्वेद 7-75-5
(2) ऋग्वेद 3-31-2
(3) अथर्ववेद 12-1-49
(3) अथर्ववेद 12-1-12
(4) ऋग्वेद 8-25-3
(5) निरुक्त 4-22
(6) ऋग्वेद 4-55-7
(7) ऋग्वेद 2-40-6
(8) ऋग्वेद 1-136-3
(9) ऋग्वेद 4-47-9
(10) ऋग्वेद 5-62-8
(11) अथर्ववेद 14-18-4
(12) ऋग्वेद 10-114-8
(13) जैमिनी ब्राह्मण 2-396
(14) काठक ब्राह्मण 12-5-14
(15) ऋग्वेद 10-71-2
(16) वैदिक धर्म दर्शन पृ0 261

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019
Date of Publication : 2019-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 42-47
Manuscript Number : SHISRRJ192506
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ अवनीश जायसवाल, "वेदों में वर्णित देवी एवं देवताओं के शक्ति स्वरूप की संक्षिप्त विवेचना", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 5, pp.42-47, September-October.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192506

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