भक्तिकाल में अस्पृश्यता

Authors(1) :-डाॅ. गुंजन त्रिपाठी

आंदोलन हो या काव्य-प्रवृŸिा, सब के उद्भव के कुछ प्रेरणा-स्रोत होते हैं, ऐतिहासिक-सामाजिक पृष्ठभूमि होती है। भारत में मध्यकाल में अचानक बिजली की चमक की तरह भक्ति-आंदोलन का उदय हो गया, जिसके बारे में कोई नहीं जानता कि उसका कारण क्या था। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि देने की कोशिश कीदृ‘‘देश में मुसलमानों का राज्य प्रतिष्ठित हो जाने पर हिन्दू जनता के हृदय में गौरव, गर्व और उत्साह के लिए अवकाश न रह गया। उसके सामने ही देव मंदिर गिराये जाते थे, देवमूर्तियां तोड़ी जाती थीं और पूज्य पुरुषों का अपमान होता था और वे कुछ भी नहीं कर सकते थे। ण्ण्ण्ण् अपने पौरुष से हताश अस्पृश्यता के लिए भगवान की भक्ति और करुणा की ओर ध्यान ले जाने के अतिरिक्त दूसरा कारण ही क्या था?’’ भक्तिकाल में अस्पृश्यता जैसी वैचारिकी प्रभावी स्थिति में थी जो व्यक्ति के उन मूलभूत मानवीय अधिकारों को प्रतिबंधित करती थी जिससे वह सामान्य जीवन का परिप्रेक्ष्य प्राप्त कर पाता। उस समय प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से असमान प्रस्थिति में था। यह असमानता केवल प्रतिष्ठा और परिसम्पŸिायों के स्वामित्व तक ही सीमित नहीं थी, अपितु जाति विशेष का सदस्य होने के नाते वह मानवीय अधिकारों से भी वंचित था जिसका वह अधिकारी था।

Authors and Affiliations

डाॅ. गुंजन त्रिपाठी
IN/5C, तिलक नगर, अल्लापुर, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।

अस्पृश्यता, मानवीय अधिकार, पृष्ठभूमि, उद्भव, अपमान आदि।

  1. वियोगी हरि, शंकर दिग्विजय (हिन्दुस्तान प्रकाशित वक्तव्य)
  2. डाॅ. के.एन. शर्मा, भारतीय समाज एवं संस्कृति, पृष्ठदृ272
  3. डाॅ. आर. एन. सक्सेना, भारतीय समाज तथा सामाजिक संस्थाएं, पृष्ठदृ99
  4. मजूमदार डी.एन. रेसेज एण्ड कल्चर आफ इण्डिया, पृष्ठदृ226
  5. मनुस्मृति, 10ध्12 महाभारत (अनुशासन पर्व) 29ध्27
  6. कादम्बरी, पृष्ठ दृ21 एवं 25
  7. देशीनामा पृष्ठ 2 व 77
  8. जयशंकर प्रसाद मिश्र, ग्यारहवीं शदी का भारत, पृष्ठ दृ 127

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019
Date of Publication : 2019-10-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 112-116
Manuscript Number : SHISRRJ192519
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. गुंजन त्रिपाठी , "भक्तिकाल में अस्पृश्यता", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 5, pp.112-116, September-October.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192519

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