Manuscript Number : SHISRRJ19252
रघुवंश महाकाव्य में वर्णित नैतिक मूल्यों की अवधारणा
Authors(1) :-डॉ बशिष्ठ सिंह कुशवाहा कालिदास की सम्पूर्ण कृतियों में नैतिक मूल्य कूट-कूट कर भरा है। उनकी प्रत्येक पंक्ति समाज को एक नया आयाम देती है। उन्होने समाज को जिया था तथा समाजिक गतिविधियों से चिरपरिचित थे। महाकवि कालिदास की सभी रचनाओं में रघुवंश महाकाव्य संस्कृत जगत् की अन्यतम कृति है। जिसमें वैयक्तिक,सामाजिक, नैतिक, आध्यात्मिक, राष्ट्रिय—अन्ताराष्ट्रिय आदि नैतिक मूल्यों का सफलतम प्रयोग मिलता है। कालिदास के रघुवंश में एक आदर्श प्रेम का चित्रण प्राप्त होता है। यह महाकाव्य हमें उपदेश देता है कि अगर सामाजिक मूल्यों का पालन न किया गया तो नैतिकता का विघटन संभव हो जाएगा।
डॉ बशिष्ठ सिंह कुशवाहा कालिदास, रघुवंश, महाकाव्य, संस्कृत, नैतिकता, मूल्य| Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019 Article Preview
(प्रवक्ता) +2 उच्च विद्यालय, देवघर, झारखण्ड, भारत
Date of Publication : 2019-09-30
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Page(s) : 01-06
Manuscript Number : SHISRRJ19252
Publisher : Shauryam Research Institute
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