Manuscript Number : SHISRRJ19254
महर्षि भरद्वाज-प्रणीत बृहद् विमानशास्त्र में विमानशास्त्रीय अन्य प्रमुख आयाम।
Authors(1) :-शशि प्रकाश जायसवाल ऋतुभेद से विमानचालक यात्रियों के वस्त्रों के प्रबोधक तीन पद सूत्र में कहे हैं अशनकल्प ग्रन्थ में कहा गया है। तृण, गुल्म लता आदि का सत्त्व-लुगदी या रस चालक यात्रियों का भोजन हैंै। पूर्वोक्त सत्त्व-कन्द मूल फल के सत्त्व की भाँति देह का आरोग्य ले लें। सूत्र 6 भाग, मूज्ज 6 भाग, कुशा 6 भाग, शैण्डोर-देव धान्य-केगुनी या स्वंय उत्पन्न जंगली तृण धान्य 6 भाग, अश्वकर्ण, लताश्ज्ञाल 6 भाग, शतमूलं- शतमूलिका-महा मूषाकर्णी 3 भाग, भोजन मे अत्यन्त अच्छे हैं।
शशि प्रकाश जायसवाल महर्षि भरद्वाज, विमानशास्त्र,ऋतु, संस्कार, शक्ति। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019 Article Preview
शोध छात्र - संस्कृत विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, भारत
Date of Publication : 2019-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 11-15
Manuscript Number : SHISRRJ19254
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19254