महर्षि भरद्वाज-प्रणीत बृहद् विमानशास्त्र में विमानशास्त्रीय अन्य प्रमुख आयाम।

Authors(1) :-शशि प्रकाश जायसवाल

ऋतुभेद से विमानचालक यात्रियों के वस्त्रों के प्रबोधक तीन पद सूत्र में कहे हैं अशनकल्प ग्रन्थ में कहा गया है। तृण, गुल्म लता आदि का सत्त्व-लुगदी या रस चालक यात्रियों का भोजन हैंै। पूर्वोक्त सत्त्व-कन्द मूल फल के सत्त्व की भाँति देह का आरोग्य ले लें। सूत्र 6 भाग, मूज्ज 6 भाग, कुशा 6 भाग, शैण्डोर-देव धान्य-केगुनी या स्वंय उत्पन्न जंगली तृण धान्य 6 भाग, अश्वकर्ण, लताश्ज्ञाल 6 भाग, शतमूलं- शतमूलिका-महा मूषाकर्णी 3 भाग, भोजन मे अत्यन्त अच्छे हैं।

Authors and Affiliations

शशि प्रकाश जायसवाल
शोध छात्र - संस्कृत विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, भारत

महर्षि भरद्वाज, विमानशास्त्र,ऋतु, संस्कार, शक्ति।

  1. महर्षि भरद्वाज प्रणीत वृहद विमानशास्त्र-अ0 1, सूत्र ¬6
  2. पट संस्कार रत्नाकर (बोधनन्दवृत्ति 10-15 श्लोक)
  • पट संस्कार रत्नाकर (बोधानन्दवृत्ति 16-20 श्लोक)
  • पट संस्कार रत्नाकर (बोधनन्दवृत्ति 21-24 श्लोक)
  1. वृहद् विमान शास्त्र - अ0 1-सू0 7
  2. अशन कल्प (बोधानन्द कृत्ति 27-29 श्लोक)
  3. वृहद् विमानशास्त्र- अ0 1-सू0 8
  4. विष निर्णयाधिकार (बोधनन्द वृत्ति- 32-39 श्लोक)
  5. वृहद् विमानशास्त्र - अ0 1 सू0 -9
  6. शौनकीय सूत्रो (बोधानन्द वृत्ति)
  7. लल्ल कारिका (बोधानन्द वृत्ति 43-47 श्लोक)
  8. वृहद् विमानशास्त्र, अ0 1-सू0 10
  9. अशनकल्प (बोधानन्द वृत्ति -50)
  10. पाक सर्वस्वे (बोधानन्द वृत्ति - 51-52)
  11. वृहद् विमानशास्त्र- अ0 1- सू0-11
  12. अशन कल्प (बोधानन्दवृत्ति 59-60)
  13. वृहद् विमानशास्त्र- अ0 1- सू0-12
  14. अशन कल्प (बोधानन्दवृत्ति-67-74)

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019
Date of Publication : 2019-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 11-15
Manuscript Number : SHISRRJ19254
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

शशि प्रकाश जायसवाल, "महर्षि भरद्वाज-प्रणीत बृहद् विमानशास्त्र में विमानशास्त्रीय अन्य प्रमुख आयाम।", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 5, pp.11-15, September-October.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ19254

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