भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यपाल की भूमिका

Authors(1) :-अजीत कुमार

बीते दिनों एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि ‘‘राज्यपाल राज्य का संरक्षक और मार्गदर्शन के रूप में कार्य करता है और देश के संघात्मक ढाँचे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’ कई समीक्षकों ने भारत को एक सहकारी संघवाद बताया है। इसी क्रम में प्रसिद्ध विद्वान ग्रेनविल आस्टिन ने भारत की संघात्मक व्यवस्था को सहकारी संघवाद की संज्ञा दी है।

Authors and Affiliations

अजीत कुमार
शोध छात्र, राजनीति विज्ञानए नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालयए इलाहाबाद,भारत

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  10. दैनिक जागरण सम्पादकीय लेख, 2019

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 88-92
Manuscript Number : SHISRRJ192625
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

अजीत कुमार, "भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यपाल की भूमिका", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 1, pp.88-92, January-February.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192625

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