जैनेन्द्र का जीवनवृत्त

Authors(1) :-इन्दुबाला यदुवंशी

जैनेन्द्र को अनेक लोग सत्ता का हिमायती लेखक भी मानते हैं, उन पर समय-समय पर यह आक्षेप लगता रहा है कि पुस्कारों को पाने के लिए वे तिकड़म का प्रयोग करते हैं, फिर उसके प्रति उपेक्षा का भाव भी उजागर करते हैं, परन्तु यह सत्य नहीं है क्योंकि सत्ता और प्रतिष्ठा से सीधे और प्रत्यक्ष लाभ लेने की प्रवृत्ति जैनेन्द्र जी में नहीं थी। जितने भी पुरस्कार और सम्मान जैनेन्द्र जी को मिले वे उनके कृतित्व एवं सर्जना के कारण उन्हें मिले।

Authors and Affiliations

इन्दुबाला यदुवंशी
शोध-छात्रा-हिन्दी, श्री गांधी पी0जी0 काॅलेज मालटारी, आजमगढ़, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।

जैनेन्द्र कुमार, लेखक, जीवनवृŸा, उपन्यासकार, कहानीकार, साहित्य।

  1. जैनेन्द्र कुमार, लेखक, गोविन्द मिश्र, पृ0सं0 08-09। साहित्य अकादमी, नई दिल्ली संस्करण-2014
  2. साहित्य का श्रेय और प्रेम (मैं और मेरी कृति), लेखक- जैनेन्द्र कुमार, पृ0सं0 31, पूर्वोदय प्रकाशन नई दिल्ली।
  3. साहित्य का श्रेय और प्रेय, जैनेन्द्र कुमार, पूर्वोदय प्रकाशन नई दिल्ली। पृ0सं0 18-19
  4. जैनेन्द्र मेरी दृष्टि में (लेख), विष्णु प्रभाकर
  5. कहानीकार जैनेन्द्र, लेखक, मधुरेश, पृ0सं0 14
  6. हंस, प्रथम अंक (पत्रकारिता का इतिहास), मार्च-1930, पृ0सं0 54
  7. जैनेन्द्र, साक्षी हैं पीढ़ियाँ, लेखक-विष्णु प्रभाकर, पृ0सं0-13, पूर्वोदय प्रकाशन नई दिल्ली।

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 6 | November-December 2019
Date of Publication : 2019-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 95-99
Manuscript Number : SHISRRJ192651
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

इन्दुबाला यदुवंशी, "जैनेन्द्र का जीवनवृत्त", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 6, pp.95-99, November-December.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192651

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