Manuscript Number : SHISRRJ192651
जैनेन्द्र का जीवनवृत्त
Authors(1) :-इन्दुबाला यदुवंशी जैनेन्द्र को अनेक लोग सत्ता का हिमायती लेखक भी मानते हैं, उन पर समय-समय पर यह आक्षेप लगता रहा है कि पुस्कारों को पाने के लिए वे तिकड़म का प्रयोग करते हैं, फिर उसके प्रति उपेक्षा का भाव भी उजागर करते हैं, परन्तु यह सत्य नहीं है क्योंकि सत्ता और प्रतिष्ठा से सीधे और प्रत्यक्ष लाभ लेने की प्रवृत्ति जैनेन्द्र जी में नहीं थी। जितने भी पुरस्कार और सम्मान जैनेन्द्र जी को मिले वे उनके कृतित्व एवं सर्जना के कारण उन्हें मिले।
इन्दुबाला यदुवंशी जैनेन्द्र कुमार, लेखक, जीवनवृŸा, उपन्यासकार, कहानीकार, साहित्य। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 6 | November-December 2019 Article Preview
शोध-छात्रा-हिन्दी, श्री गांधी पी0जी0 काॅलेज मालटारी, आजमगढ़, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2019-12-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 95-99
Manuscript Number : SHISRRJ192651
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192651