भारतीयवेदान्तदर्शन और वाचस्पतिमिश्र

Authors(1) :-डॉ. दिनेशकुमारझा

भामती रचना का एक और रहस्यपूर्ण उद्देश्य ब्रह्मसूत्र शांकरभाष्य और मण्डनमिश्र विरचित वेदान्त के अनुपम ग्रन्थ ‘‘ब्रह्मसिद्धि तथा शांकरभाष्य की व्याख्या भामती का सूक्ष्मदृष्टि से अवलोकन करने पर यह निष्कर्ष निकलता है कि शंकराचार्य और मण्डन मिश्र के दो विभिन्न वेदान्त प्रस्थानों में सामंजस्य लाने के लिये वाचस्पति मिश्र ने भामती की रचना की।

Authors and Affiliations

डॉ. दिनेशकुमारझा
ग्रा.पो. अंधराठाढी, जि. मधुबनी, बिहार, भारत।

भारतीय, वेदान्तदर्शन, वाचस्पतिमिश्र, शंकराचार्य, मण्डन मिश्र, ब्रह्मसिद्धि।

  1. ब्रह्बसूत्र शाङ्करभाष्यम्- श्रीवाचस्पतिमिश्र प्रणीत भामती स्वामीयोगीन्द्रानन्द कृत चौखम्भा विद्याभवन वाराणसी।
  2. भामती कल्पतरु टीका, अमलानन्द सरस्वती, बम्बई निर्णय सागर प्रेस।
  3. भामती, परिमलटीका, अप्पयदीक्षित, बम्बई निर्णय सागर प्रेस।
  4. भामती, प्रकाश एवं विकाश टीका- लक्ष्मीनाथ झा, बम्बई निर्णय सागर प्रेस।
  5. बौद्धधर्म का उत्थान एवं पतन- राहुल सांकृत्यायन, सार नाथ ।
  6. मण्डन मिश्र और उनका अद्वैत वेदान्त- पं. सहदेव झा, मण्डन सन्तति, महिषी, सहरसा बिहार।

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 160-162
Manuscript Number : SHISRRJ192671
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. दिनेशकुमारझा, "भारतीयवेदान्तदर्शन और वाचस्पतिमिश्र ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 1, pp.160-162, January-February.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192671

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