Manuscript Number : SHISRRJ192693
नागार्जुन के काव्य में राजनैतिक चेतना
Authors(1) :-हरिकेश मीना नागार्जुन सम्पूर्ण रूप से शोषण के खिलाफ संघर्श के लिए समर्पित रहे हैं। इसलिए देश की कोई भी सामाजिक व राजनीतिक घटना उनकी कविताओं से नहीं बच सकी हैं। इनकी कविताओं में भोगा हुआ दर्द हैं, सच्चा आक्रोंश हैं। इनकी कवितायें आम आदमी के जीवन का जीबन्त दस्तावेज हैं। उनकी कविताओं में व्यंग्य, आक्रोश एवं बेचैनी दिखाई देती हैं। उनकी कवितायें आम आदमी के लिए लिखी गई हैं इसलिए उन्हें जनवादी कवि कहा जाता हैं।
हरिकेश मीना नागार्जुन, काव्य, राजनैतिक, चेतना, सामाजिक, आर्थिक, यथार्थ, समाज। Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 4 | November-December 2018 Article Preview
राजकीय कन्या महाविद्यालय, करौली, राजस्थान, भारत।
Date of Publication : 2018-11-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 258-261
Manuscript Number : SHISRRJ192693
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ192693