Manuscript Number : SHISRRJ193311
भारतीयता के विविध आयाम
Authors(1) :-दिगंत बोरा भारतीयता एक भाववाचक संज्ञा है, जो भारत तत्व से बना है। भारत शब्द ‘भा’ और ‘रत’ शब्दों से बना है। जिसका अर्थ है ‘प्रकाश में रत’। प्रकाश यहाँ लाक्षणिक रूप में प्रयोग हुआ है। प्रकाश का अर्थ है ज्ञान । भारत का अर्थ है ज्ञान में लीन होना या प्राप्त करना। भारत वह भू-खण्ड है, जहाँ भारतीय प्रजा रहते हैं। इस भारतीय प्रजा की जो विशिष्टता हैं उसे ही भारतीयता कहा जाता है। यह भारतीयता एक जीवन दर्शन है, जीवन जीने की कला है, जो समूची मानव जाति के लिए उपयुक्त है। भारतीयता का अर्थ है- भारत की समग्र परम्परा, भारत का सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास, भारत की पुरातन, भारत की संवेदना, भारत की कला, भारत का साहित्य । भारतीयता एक ऐसी तत्व है, जिसे पहचाना तो जा सकता है, महसूस भी कर सकते है, किंतु उसे शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता। भारतीयता एक अत्यंत व्यापक तत्व है। यह किसी धर्म सम्प्रदाय, समूदाय पर आधारित नहीं है। भारत में निवास कर रहे सभी व्यक्ति भारतीय है। इस कारण यहाँ की सभी निवासियों के धर्म, संस्कृति, विचारधारा, भाषा, साहित्य, दर्शन का समंवित नाम ही भारतीयता है या यूँ कहे कि ये सब भारतीयता के मूल आयाम है। भारतीयता के मूल आयाम है- भारतीय दर्शन, भारतीय संस्कृति, भारतीय धर्म, भारतीय साहित्य, भारतीय भाषा, भारतीय विचारधारा आदि।
दिगंत बोरा भारतीय, भारतीयता, भारत, धर्म, दर्शन, संस्कृति, साहित्य आदि । Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 2 | March-April 2019 Article Preview
शोधार्थी, हिंदी विभाग, राजीव गांधी विश्वविद्यालय, रोनो हिल्स, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश,भारत
Date of Publication : 2019-03-30
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Page(s) : 192-196
Manuscript Number : SHISRRJ193311
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ193311