मध्य कालीन बिहार में दास प्रथाः एक अध्ययन

Authors(1) :-डाॅ0 रामलखन सिंह

प्राचीन काल से दास प्रथा की परम्परा मध्यकाल में जारी रही। लेकिन इस काल में हमें कई परिवर्तन देखने को मिलते है। सर्वप्रथम दासों की संख्या में अधिक वृद्धि हुई। दूसरा दासत्व सबके लिए निर्दिष्ट हो गया। जबकि कौटिल्य ने आर्यो को दास बनाने का विरोध किया है। तीसरा मौर्य काल की तरह दासों को आर्थिक क्रियाकलापों में शामिल नहीं किया गया। इस काल में दास घरेलू और निजी सेवा से अधिकाधिक संबध रहंे। चतुर्थ यधपि दासों के साथ उचित व्यवहार के कुछ प्रमाण मिलते है, लेकिन इसे अपवादों के रूप में ही देखा जा सकता हैं । सामान्य रूप से दासों के साथ अर्ध मानवीय व्यवहार होता रहा। मुसलमानों की सत्ता सुव्यवस्थित होने बाद दासों की स्थिति में बेहतरी के कुछ संकेत मिलने शुरू हो जाते हैं।

Authors and Affiliations

डाॅ0 रामलखन सिंह
पूर्व शोध छात्र, इतिहास विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना, बिहार, भारत।

दास प्रथा, मुसलमान, कौटिल्य, मध्यकाल, प्राचीन काल, सामंतवादी आर्थिक।

  1. द्विजेन्द्र नारायण झा, पूर्वोक्त, पृ0 211
  2. डी0 आर0 चानना, पूर्वोक्त, पू0 112
  3. द्विजेन्द्र नारायण झा, पूर्वोक्त, पृ0 211
  4. रामशरण शर्मा, अर्ली मीडियेवल इंडियन सोसायटी, ए स्टडी इन फ्यूडलाइजेसन, द्वितीय संस्करण, ओरियंट लांगमेन, कलकत्ता, 2003
  5. डी0आर0 चानना, स्लेवरी इन एंसयेंट इंडिया,पीपुल्स पब्लिसिंग हाउस, दिल्ली 1960, पृ0 1960 पृ0 57
  6. द्विजेन्द्र नारायण झा एवं कृष्ण मोहन श्रीमाली (सं0), प्राचीन भारत का इतिहास, हिन्दी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, गयोदस संस्करण, 1994 पृ0 210
  7. एल0एन0 रंगराजन, कौटिल्यः इ अर्थशास्त्र, पैग्विन बुक्स दिल्ली, 1992
  8. मेघातिथि की मनुस्मृति पर टीका, टप्प्प्, 45-47.
  9. लल्लन जी गोपाल, पूर्वोक्त पृ0 71
  1. रामशरण शर्मा, अर्ली मीडियेवल इंडियन सोसायटी, ए स्टडी इन फ्यूडलाइजेसन, द्वितीय संस्करण, आरियंट लांगमेन, कलकत्ता 2003
  2. लल्लन जी गोपाल द इकाॅनामिक लाइफ आॅफ नार्दन, 700 ।क्-1200 ।क्मो
  3. तीलाल, बनारसी दास, दिल्ली, द्वितीय संशोधित संस्करण, 1989,पृ0-71
  1. मेघातिथि की मनुस्मृति पर टीका टप्प्प् 46

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 288-292
Manuscript Number : SHISRRJ193325
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 रामलखन सिंह, "मध्य कालीन बिहार में दास प्रथाः एक अध्ययन", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 1, pp.288-292, January-February.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ193325

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