वज्रयान और सहजयान - सातवीं और आठवीं शताब्दी तदुपरान्त

Authors(1) :-डाॅ0 अभिजात ओझा

इन्द्रभूति के समय से पूर्व ही अनेक बौद्ध तंत्रों की रचना हो चुकी थी। हेवज्रतंत्र, हेरुक, चण्डमहारोषण, वज्रवाराही, क्रियासमुच्चय, वज्रावली, योगिनीजाल आदि अनेक तंत्रों की अप्रकाशित पाण्डुलिपियाँ संस्कृत में शेष हंै। साधनमाला की प्राचीनतम पाण्डुलिपियाँ 1167 ई0 की हैं।

Authors and Affiliations

डाॅ0 अभिजात ओझा
असिस्टेंट प्रोफेसर, प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, नेहरु ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।

वज्रयान, सहजयान, सातवीं, आठवीं, शताब्दी, धर्मकीर्ति, वंश।

  1. तारानाथ, (अनु0 शीफनर), पृ0 201-202
  2. वही, पृ0 188
  3. प्रज्ञोपायविनिश्चियसिद्धि (‘‘टू-वज्रयान वक्र्स’’ में सम्पादित) प्रथम परिच्छेद
  4. ज्ञानसिद्धि, (‘‘टू वज्रयान वक्र्स’’ में सम्पादित)
  5. द्रश्टव्य, हरप्रसाद षास्त्री, बौद्धगान औ दोहा, पी0सी0 बागची, दोहाकोष
  6. दत्त, भूपेन्द्रनाथ, मिस्टिक टेल्स आॅव लामा तारानाथ

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 327-329
Manuscript Number : SHISRRJ193334
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 अभिजात ओझा, "वज्रयान और सहजयान - सातवीं और आठवीं शताब्दी तदुपरान्त ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 1, pp.327-329, January-February.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ193334

Article Preview