दलित समाज में स्त्री-पुरूष संबंध

Authors(1) :-अनिल गौतम

स्त्री पुरुष संबंध एक दूसरे की भावनाओं को समझने वाले होते हैं। एक-दूसरे के दुःख-परेशानी में हृदय से साथ देने का प्रयत्न करते हैं। जिससे परिवार को खुशहाल बताएगा तैयार होने में सहयोग मिलता है। ऐसे वातावरण में परिवार व समाज का विकास दिनोदिन होता रहेगा। जो कि देश के विकास मेंम अपना अमूल्य योगदान करने में दलित समाज की भूमिका भी सदैव अविस्मरणीय रही है।

Authors and Affiliations

अनिल गौतम
शोध छात्र, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, उत्तर प्रदेश।

दलित, समाज, स्त्री, पुरूष, सम्बन्ध, दुःख, वातावरण, अमूल्य।

  1. नैमिशराय, मोहनदास, मोहनदास नैमिशराय की चुनी हुई कहानियाँ, पृ0 52
  2. नैमिशराय, मोहनदास, मोहनदास की चुनी हुई कहानियाँ, पृ0 63
  3. वही, पृ0 63
  4. वही, पृ0 66
  5. वही, पृ0 92
  6. वाल्मीकि, ओम प्रकाश, सलाम, पृ0 92
  7. वही, पृ0 92
  8. वाल्मीकि, ओम प्रकाश, घुसपैठिए, पृ0 56
  9. वही, पृ0 56
  10. वही, पृ0 56

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 359-362
Manuscript Number : SHISRRJ203108
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

अनिल गौतम, "दलित समाज में स्त्री-पुरूष संबंध ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 5, pp.359-362, September-October.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203108

Article Preview