रससिद्धान्त में रससंख्या निर्धारण सम्बन्धित मान्यताएँ

Authors(1) :-Dr. Rampratap Mishra

प्रत्येक वस्तु, तथ्य, सिद्धान्त का अपना एक अतीत होता है। ’रससिद्धान्त’ भी इससे पृथक नहीं है। इसका इतिहास उतना ही पुराना है जितनी यह सृष्टि। जगच्चित्र के निर्माता परम पिता परमेश्वर स्वयं आनन्दमय, रसमय हैं।

Authors and Affiliations

Dr. Rampratap Mishra
Assistant Professor & Head, Department of Sanskrit, D.C.S.K.P.G. College Mau, India

  1. तैत्तिरीय उपनिषद, ब्रह्मानन्द बल्ली: 7 अनुवाक
  2. पाणिनीय धातुपाठ: धातु संख्या 1932
  3. तत्रैव
  4. कामसूत्र: 2/1/65
  5. नाट्यशास्त्र: अध्याय 6 पर अभिनवभारती टीका
  6. तत्रैव: पृ० 90
  7. नाट्यशास्त्र: अध्याय 6 पर अभिनवभारती टीका, पृ० 91
  8. तत्रैव: पृ० 96
  9. तत्रैव: पृ० 62
  10. साहित्यदर्पण: 3/2-3
  11. नाट्यशास्त्र: अध्याय 6 पर अभिनवभारती टीका, पृ० 56
  12. शृङ्गारप्रकाश: पृ० 481 (डाॅ० राघवन)
  13. वक्रोक्तिजीवितम्: 1/पृ० 55
  14. व्यक्तिविवेक: 1/पृ० 70
  15. भावप्रकाशनम्: 2/40
  16. नाट्यशास्त्र: 6/17-18
  17. विक्रमोर्वशीयम्: 2/17
  18. चतुर्भाणी, मद्रास, 1992 पृ० 13
  19. भावप्रकाशनम्: 2/61
  20. तत्रैव: 2/62
  21. भावप्रकाशनम्: 2/63-66
  22. ध्वन्यालोक: 3/पृ० 430
  23. तत्रैव: 4/5 की वृत्ति
  24. नाट्यशास्त्र: 29/अभिनवभारती
  25. ध्वन्यालोक: 3/पर लोचन
  26. वक्रोक्तिजीवितम्: डे-संस्करण 1928
  27. औचित्यविचारचर्चा: व्रतौचित्य
  28. ’भारतमंजरी’ के अन्त में श्लोक संख्या 3
  29. ध्वन्यालोक: 4/5 की वृत्ति
  30. ’रामायणमंजरी’ के अन्त में श्लोक संख्या 1
  31. दशरूपक: 4/35
  32. दशरूपक: 4/35-36 पर अवलोक
  33. काव्यप्रकाश: 1/1
  34. तत्रैव: 4/6
  35. तत्रैव: 4/12
  36. भावप्रकाशनम्: 2/66
  37. तत्रैव: 2/61-67
  38. नाट्यशास्त्र: 6/16-17
  39. रसार्णवसुधाकर: 2/166
  40. तत्रैव: 2/157 एवं उसकी वृत्ति
  41. दशरूपक: 4/44 पर अवलोक
  42. तत्रैव: 4/45
  43. तत्रैव: 4/45 पर अवलोक
  44. साहित्यदर्पण: 3/250 व उसकी वृत्ति
  45. नाट्यशास्त्र: अध्याय 6 पर अभिनवभारती टीका
  46. दशरूपक: 6/40
  47. तत्रैव: 4/43-44
  48. तत्रैव: 4/43 पर अवलोक
  49. विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः
  50. साहित्यदर्पण: 3/11
  51. काव्यप्रकाश: चतुर्थ उल्लास
  52. साहित्यदर्पण: 3/2
  53. दशरूपक: 4/47 पर अवलोक
  54. तत्रैव: 4/38
  55. नाट्यशास्त्र: 6/40
  56. तत्रैव: 6/40
  57. उत्तररामचरितम् 3/47

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020
Date of Publication : 2020-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 18-29
Manuscript Number : SHISRRJ20323
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

Dr. Rampratap Mishra, "रससिद्धान्त में रससंख्या निर्धारण सम्बन्धित मान्यताएँ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 2, pp.18-29, March-April.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20323

Article Preview