Manuscript Number : SHISRRJ20325
भारत की बहुभाषिकता तथा राष्ट्रभाषा का प्रश्न
Authors(1) :-मो० फैसल जिस प्रकार किसी राष्ट्र की संप्रभुता एवं स्वाभिमान का प्रतीक उसका राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रीय चिन्ह होता है, ठीक उसी प्रकार राष्ट्र की संस्कृति एवं भाषा भी उसके आत्म गौरव और अस्मिता का प्रतीक होती है। यदि हम भारत के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो हम पाएंगें कि भारत सम्पूर्ण विश्व में संभवतः सर्वाधिक विविधताओं वाला देश है। ये विविधताएं भौगोलिक होने के साथ-साथ धार्मिक, सांस्कृतिक व भाषाई भी हैं। विस्तृत भू-भाग वाले इस देश में कश्मीर से कन्याकुमारी तक तथा कच्छ से ब्रह्मपुत्र तक हजारों सालों से अनेक समृद्ध भाषाएं व बोलियां बोली-समझी जाती रहीं हैं, जिनकी अपनी-अपनी महत्ता, विशिष्ट शब्द-भंडार एवं साहित्य है। अतः ऐसी स्थिति में हमारे समक्ष यह प्रश्न उठता है कि ऐसे बहुभाषिक देश में किस भाषा को राष्ट्रभाषा का गौरव प्रदान किया जाए ? क्योंकि सभी भाषाएं समृद्ध तथा एक बड़े वर्ग द्वारा बोली-समझी जाने वाली हैं। इस प्रश्न का उत्तर यह कहकर आसानी से दिया जा सकता है कि देश की राष्ट्रभाषा तो वही भाषा हो सकती है जो सम्पूर्ण राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांध सकने में समर्थ हो तथा जो देश भर की स्वीकार्य भाषा हो। कहना अनुचित न होगा कि निश्चय ही यह दायित्व भारत में सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली हिंदी भाषा ही निभा सकती है। यही कारण है कि महात्मा गाँधी भी हिंदी को ही देश की राष्ट्रभाषा बनाने के प्रबल समर्थक थे किन्तु खेद का विषय है कि अनेक सामाजिक, राजनैतिक कारणों तथा अंग्रेज़ी भाषा के व्यापक प्रभाव के कारण हम आज तक हिंदी को उसका वास्तविक स्थान नहीं दिला सके। अतः प्रस्तुत लेख में इस बात को जानने का प्रयास किया गया है कि क्या वास्तव में हिंदी भाषा में भारत जैसे बहुभाषिक देश की राष्ट्रभाषा बनने की शक्ति है ? और यदि है तो आखिर वह कौन सी समस्याएं हैं जिनके कारणवश हिंदी को अब तक देश में उसका वास्तविक सम्मान नहीं मिल सका ? और आखिर उन समस्याओं का निवारण किस तरह किया जा सकता है ? प्रस्तुत लेख में इन बिंदुओं को भी चर्चा का विषय बनाया गया है।
मो० फैसल हिंदी‚ संप्रभुता‚भारत‚ राष्ट्रभाषा‚ बहुभाषिकता‚ महात्मा गाँधी‚ राष्ट्रीय‚ साहित्य। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
शोधार्थी, शिक्षा संकाय, आई.ए.एस.ई. जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई-दिल्ली‚ भारत।
Date of Publication : 2020-06-30
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Page(s) : 07-21
Manuscript Number : SHISRRJ20325
Publisher : Shauryam Research Institute
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