Manuscript Number : SHISRRJ20326
बौद्ध साहित्य में वर्णित नारी शिक्षा: एक अध्ययन
Authors(1) :-बबली सिंह बौद्ध काल में स्त्री शिक्षा का पर्याप्त प्रचार-प्रसार हुआ। बौद्ध संघ की छत्र-छाया में अनेक स्त्रियों ने उच्चतम आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया। परिवार में रहते हुए भी स्वतंत्रतापूर्वक बुद्ध, धर्म और संघ की सेवा करते हुए, धार्मिक कार्यों के लिए पर्याप्त दान देती थी तथा अनेक स्त्रियों ने स्वयं की विद्वता से संघ को गौरान्वित भी किया।
बबली सिंह बौद्ध, साहित्य, नारी शिक्षा, बुद्ध, धर्म, संघ। 1. चुल्लकलिंग जातक संख्या 301 Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
शोध छात्रा, प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
2. परमानंद सिंह- बौद्ध साहित्य में भारतीय समाज, पृ0सं0 116
3. अंगुत्तर निकाय भाग-2, पृ0 264
4. महाउम्मग जातक संख्या 546
5. महावंश गाथा 203-204
6. थेरीगाथा 126, 27, 28, इसिदासी 72/124-128
7. जातक संख्या- 62, 132, 233, 291, 263, 313
8. मांतग जातक संख्या 497
9. चुल्लपलोभन जातक संख्या 263
10. पदकुसनमाणव जातक, संख्या 432
11. कुसलाहं, गहपति, कप्यासं कन्तितुं वेणिं ओलिखितुं। छक्कनिपात
सारणीयवग्गो नकुलपितुसुत्तं (अंगुत्तर निकाय)
12. संयुक्तनिकाय, चुल्लपज्नुत्रधीतुसुत्त, पृ0 29
13. विनयपिटक, भिक्षुणी स्कन्धक, पृ0 519-20
14. थेरीगाथा 42/87-88, पृ0 361
15. संयुक्त निकाय, भाग-1, पृ0 109
16. संयुक्त निकाय, 5, 2, भाग-1, पृ0 109-9
17. सुलसा जातक, 418
18. अंगुत्तर निकाय, भाग-3, पृ0 329-335
19. अंगुत्तर निकाय, पृ0 339
20. अंगुत्तर निकाय, पृ0 334
21. डाॅ. परमानन्द सिंह, बौद्ध साहित्य में भारतीय समाज, पृ 127-129
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 41-45
Manuscript Number : SHISRRJ20326
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20326