झाँसी के इतिहास में लक्ष्मीबाई का योगदान

Authors(1) :-विनोद कुमार सिंह

रानी लक्ष्मीबाई वास्तविक अर्थ में आदर्श वीरांगना थी। इन्होंने न केवल भारत की बल्कि विश्व की महिलाओं को गौरवान्वित किया। इन्होंने स्वतन्त्रता के लिए रणभूमि में हँसते-हँसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे। भारतीय स्वतंत्रता के लिए सन् 1857 में लड़े गए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास इन्होंने ही अपने रक्त से लिखा था। आज हम सभी भारतीयों के लिए रानी लक्ष्मीबाई का जीवन आदर्श के रूप में है।

Authors and Affiliations

विनोद कुमार सिंह
शोधच्छात्र, गंगानाथ झा परिसर, प्रयागराज, (केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली)

झाँसी, इतिहास, महिला, लक्ष्मीबाई, वीरांगना, भारतीय स्वतंत्रता।

1. झाँसी की रानी (कविता): सुभ्रदा कुमारी चैहान
2. झाँसीश्वरी चरित: सुबोध चन्द्र पंत
3. झाँसी की रानी (उपन्यास): वृन्दावन लाल वर्मा
4. झाँसी की रानी: महाश्वेता देवी
5. आँखों देखा गदर: अमृत लाल नागर

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020
Date of Publication : 2020-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 30-32
Manuscript Number : SHISRRJ20327
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

विनोद कुमार सिंह, "झाँसी के इतिहास में लक्ष्मीबाई का योगदान", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 2, pp.30-32, March-April.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20327

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