Manuscript Number : SHISRRJ20329
मिथकीय परिवेश में स्त्री का आधुनिक संदर्भ:‘माधवी’के बहाने से
Authors(1) :-डॉ. सुधांशु शर्मा कथाकार के साथ ही नाटककार के रूप में भी भीष्म साहनी अपने समकालीन लेखकों में प्रसिद्ध रहे । नाट्य लेखन व रंगमंच से इनका जुड़ाव इप्टा से जुड़ने के बाद अधिक होने लगा तब तक वह कथाकार के रूप में प्रसिद्ध हो चुके थे । इसके बाद उन्होंने अपनी कई कहानियों का नाट्य रूपान्तरण भी किया । विभिन्न निर्देशकों द्वारा इनकी रचनाओं का सफल मंचन किया गया है । इनकी रचनाओं में पात्र चयन,आख्यान, विषय-वस्तु, शिल्प संरचना या रंग-सूत्र विद्यमान हैं । नाटक का कथानक मानवीय जीवन से ही उठाया जाता है इसलिए पूरे मानवीय जीवन में इसके अनेक आयाम होते हैं । जिन्हें नाटकीय रूप दिया जाता है । भीष्म साहनी की यह कृति हमें मिथकीय यात्रा में ले जाती है, जहां हम चारों और वर्तमान जैसी ही विसंगतियों से रूबरू होते हैं । नाटक में मिथक प्रयोग होते आए हैं । हिन्दी नाटकों में महाभारत के मिथकीय आख्यानों को समकालीन जीवन की परिस्थितियों से जोड़कर कई नाटक रचे गए हैं जिनमें धर्मवीर भारती कृत ‘अंधा युग’, शंकर शेष कृत ‘एक और द्रोणाचार्य’ व ‘कोमल गांधार’ प्रमुख हैं । ‘माधवी’ महाभारत के कथा प्रसंग से उठाया गया कथानक है । इस नाटक में स्त्री शोषण की समस्या को केंद्र में रखा गया है । यह विविध यंत्रणाओं और संघर्षों से जुड़ने वाली नारी की व्यथा कथा का जीवंत नाटक है । माधवी के कोमार्य व उसके गर्भ से चक्रवर्ती पुत्र का वरदान उसके लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है क्योंकि इसी वरदान की खातिर वह मानसिक व शारीरिक शोषित होती रही और अंत तक सबकी इच्छा की पूर्ति करने का साधन मात्र बनती रही ।
डॉ. सुधांशु शर्मा [1] सागर, तरसेम. (प्रथम सं.1990). भीष्म साहनी की नाट्य कला.जालंधर.दीपक पब्लिशर. पृ. सं. 16 [2] साहनी,भीष्म.(2018)माधवी.नई दिल्ली:राजकमल प्रकाशन.पेपरबैक. पृ.सं. 77 [2] वही, पृ.सं. 116 [3] वही, पृ.सं. 117 [4] वही, पृ.सं. 47 [5] वही, पृ.सं. 27 [6] राय,हरियश.संपादक. (प्रथम सं.2020). भीष्म साहनी सादगी का सौंदर्यशास्त्र. नई दिल्ली: वाणी प्रकाशन. पृ. सं. 254 Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
कुम्हारिया, कांके] रांची, झारखंड
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 46-50
Manuscript Number : SHISRRJ20329
Publisher : Shauryam Research Institute
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