Manuscript Number : SHISRRJ2033140
जल-प्रबंधन में जल-निकासी सुविधाओं का महत्वः प्रयागराज जनपद (उ.प्र.) का एक भौगोलिक अध्ययन
Authors(1) :-देवेंद्र प्रताप सिंह तीव्र गति से वृद्धिशील आबादी, आर्थिक विकास तथा सामाजिक एवं पर्यावरणीय लक्ष्यों की सुरक्षा के लिए जल प्रबंधन अत्यंत ही आवश्यक घटक है। जलवायु परिवर्तन तथा मानव निर्मित अन्य परिस्थितियों के परिणामस्वरुप वर्तमान समय में जल संसाधनों का प्रबंधन एक प्रमुख मुद्दा बनकर सामने आया है। आवासीय क्षेत्रों तथा मानवीय गतिविधियों वाले स्थलों पर उपयुक्त जल निष्कासन प्रणाली के अभाव में जल प्रबंधन संबंधी चिंता और भी अधिक व्यापक हो जाती है। बेहतर भौगोलिक दशाओं में स्थित होने के कारण भारत में प्रतिवर्ष वर्षा द्वारा जल पर्याप्त मात्रा में प्राप्त किया जाता है, साथ ही देश के अधिकांश भागों में भूमिगत जल का स्तर भी उच्च है। किंतु जल संग्रहण तथा जल निकासी प्रणालियों की अपर्याप्तता के कारण जल की अधिकांश मात्रा उपयोग के दौरान ही नष्ट हो जाती है। प्रयागराज जनपद गंगा के मध्यवर्ती क्षेत्र में स्थित होने तथा जल संसाधनों में समृद्ध होने के कारण अपना एक विशिष्ट महत्त्व रखता है। जनपद में प्रवाहित होने वाली नदियों से लगभग प्रत्येक वर्ष यहां बाढ़ का सामना किया जाता है। उपरोक्त परिस्थितियों के संदर्भ में वर्तमान अध्ययन के अंतर्गत, जनपद में जल प्रबंधन के प्रयासों के अंतर्गत जल निकासी प्रणालियों के महत्व का मूल्यांकन किया गया है। यह अध्ययन द्वितीयक आंकड़ों पर आधारित है, जिन्हें भारतीय जनगणना कार्यालय, भारत सरकार तथा जिला सांख्यिकी पत्रिका, उत्तर प्रदेश जैसे स्रोतों से प्राप्त किया गया है। संकलित किए गए आंकड़ों को उपयुक्त सांख्यिकीय विधियों का उपयोग करके तथा सारणीयन एवं चित्र के माध्यम से अध्ययन को आसान बनाया गया है। अध्ययन में यह निष्कर्ष निकलकर सामने आया है कि जनपद में सभी विकासखंडों में जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए जल निकासी प्रणालियों का विकास किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है।
देवेंद्र प्रताप सिंह जल प्रबंधन, जल निकास प्रणाली, जल प्रदूषण, सीवर संयंत्र, जनसंख्या वृद्धि, ग्रामीण विकास।
Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022 Article Preview
शोध छात्र, भूगोल विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2022-01-30
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Page(s) : 184-191
Manuscript Number : SHISRRJ2033140
Publisher : Shauryam Research Institute
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