संस्कृत साहित्य में जनजातीय पात्रों का चित्रण

Authors(1) :-डाॅ पुश्पेन्द्र सेवक

संस्कृत साहित्य में अनेक जनजातीय पात्रो ने चित्रण किया है। एवं कई प्रसंगो में पात्रो, मानवीयता, सामाजिकता, नैतिकता आदि का निर्वहन किया है इन जनजातिय पात्रो का संस्कृत एवं संस्कृति की रक्षा में सराहनीय योगदान रहा है।

Authors and Affiliations

डाॅ पुश्पेन्द्र सेवक
अध्यापक,श्री षिवनारायण चैबीसा महाविधालय, सीमलवाडा, (सम्बद्धता- गो.गु.ज.जा. विष्वविधालय(बाॅसवाडा), भारत

संस्कृत, साहित्य, जनजातीय, पात्र, चित्रण, , मानवीयता , सामाजिकता, नैतिकता।

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Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-05-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 75-80
Manuscript Number : SHISRRJ203316
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ पुश्पेन्द्र सेवक, "संस्कृत साहित्य में जनजातीय पात्रों का चित्रण", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 3, pp.75-80, May-June.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203316

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