बिहार में कृषक आंदोलन: स्वामी सहजानंद सरस्वती के योगदान के विशेष संदर्भ में

Authors(1) :-कृपाल पासवान

विधानसभा में भी जमींदारों ने जमींदारी उन्मूलन विधेयक को पारित होने से रोकने के लिए भरपूर कोशिश की। उनकी तरफ से तीन और संशोधन पेश किए गए ताकि विधेयक जल्दी पारित न हो। लेकिन अंततः बिहार सरकार को 1947 में यह विधेयक पारित करना पड़ा और गवर्नर जनरल की स्वीकृति के बाद 1948 में बिहार जमींदारी उन्मूलन कानून के रूप में इसे प्रकाशित किया गया।

Authors and Affiliations

कृपाल पासवान
शोध छात्र, (नेट उतीर्ण) इतिहास विभाग, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा (बिहार) भारत।

बिहार,इकृषक आंदोलन, स्वामी सहजानंद सरस्वती, सरकार, विधेयक।

  1. तेंदुलकर, डी.जी.-गाँधी इन चंपारण, पृ0 16
  2. सिंहा, अनुग्रहनारायण- मेरे संस्मरण, पृ0 10
  3. स्वामी सहजानंद सरस्वती - किसान सभा के संस्मरण, पृ0 19
  4. डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद - आत्मकथा - पृ0 106
  5. डाॅ0 आदित्य चन्द्र झा - आधुनिक भारत (1789-1974), पृ0 217
  6. स्वामी सहजानंद सरस्वती - मेरा जीवन संघर्ष, पृ0 304
  7. वही - पृ0 207
  8. वही - पृ0 317
  9. डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद - आत्मकथा, पृ0 231
  10. स्वामी सहजानंद सरस्वती - किसान सभा के संस्मरण, पृ0 121
  11. डाॅ0 आदित्य चन्द्र झा - लेबर मूवमंेट इन बिहार, पृ0 117.

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-01-25
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 136-142
Manuscript Number : SHISRRJ203323
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

कृपाल पासवान, "बिहार में कृषक आंदोलन: स्वामी सहजानंद सरस्वती के योगदान के विशेष संदर्भ में", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 1, pp.136-142, January-February.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203323

Article Preview