सुरेन्द्र वर्मा के उपन्यासों में मध्यवर्गीय जीवन का यथार्थ

Authors(1) :-अंबिका कुमारी

सुरेन्द्र वर्मा के उपरोक्त चारों उपन्यास मध्यवर्गीय जीवन-संघर्ष की महागाथा हैं। मध्यवर्गीय जीवन-संघर्ष के दौरान एक मनुष्य की जो परिस्थितियाँ होती हैं, उसका सजीव व जीवंत चित्र उपन्यासकार ने खींचा है। साहित्यिक पारंपरिक मूल्यों की चुनौतियों के बावजूद उन्होंने पुरुष-वेश्या और यौन-संबंध जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों को अपने उपन्यासों में जगह देकर बड़ी निर्भीकता दिखाई है। उपन्यासों में मध्यवर्गीय जीवन के विविध पक्षों व भावों के यथार्थ तथा मार्मिक चित्रण के साथ-साथ उसके जीवन पर उपभोक्तावादी संस्कृति के पड़ने वाले प्रभावों व चुनौतियों की ओर भी सार्थक संकेत किया गया है। चारों उपन्यास-कथाओं के चारित्रिक पात्र सामयिक हों या ऐतिहासिक, यथार्थ हों या काल्पनिक; वे तमाम पात्र प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से मध्यवर्गीय जीवन-संघर्ष से आबद्ध हैं और कई जगह ये पात्र जीवन की आनेवाली चुनौतियों से दो-दो हाथ करते हुए नज़र आते हैं। निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि भारतीय मध्यवर्गीय समाज और जीवन-संघर्ष की जितनी विडंबनाएँ व जटिलाताएँ हैं, उसे वर्मा जी ने हूबहू अपने उपन्यासों में बड़ी सार्थकता और सफलता के साथ अभिव्यक्त किया है।

Authors and Affiliations

अंबिका कुमारी
पीएचडी-शोधार्थी, हिंदी एवं तुलनात्मक साहित्य विभाग, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विवि वर्धा, महाराष्ट्र,भारत।

सुरेन्द्र वर्मा‚ उपन्यास‚ मध्यवर्गीय जीवन-संघर्ष‚ महागाथा‚ सजीव व जीवंत‚ साहित्यिक।

  1. वर्मा, सुरेन्द्र. (1980). अंधेरे से परे. नई दिल्ली: नेशनल पब्लिशिंग हाउस. पृष्ठ- 12.
  2. वही, पृष्ठ- 38.
  3. वही, पृष्ठ- 151.
  4. यादव, राजेन्द्र (संपा.). हंस. नई दिल्ली: अक्षर प्रकाशन. पृष्ठ- 84.
  5. वर्मा, सुरेन्द्र. (2004). मुझे चाँद चाहिए. नई दिल्ली: राधाकृष्ण प्रकाशन. पृष्ठ- 76-77.
  6. वही, पृष्ठ- 555.
  7. तिवारी, डॉ. रामचन्द्र. (2016). हिंदी का गद्य-साहित्य. वाराणसी: विश्वविद्यालय प्रकाशन. पृष्ठ- 304
  8. वर्मा, सुरेन्द्र. (1998). दो मुर्दों के लिए गुलदस्ता. नई दिल्ली: राधाकृष्ण प्रकाशन. पृष्ठ- 136
  9. वही, पृष्ठ- 118.
  10. वर्मा, सुरेन्द्र. (2010). काटना शमी का वृक्ष पद्मपंखुरी की धार से. नई दिल्ली: भारतीय ज्ञानपीठ. पृष्ठ- 47.
  11. वही, पृष्ठ- 48.
  12. वही, पृष्ठ- 72.

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 113-118
Manuscript Number : SHISRRJ203327
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

अंबिका कुमारी, "सुरेन्द्र वर्मा के उपन्यासों में मध्यवर्गीय जीवन का यथार्थ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 3, pp.113-118, May-June.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203327

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