Manuscript Number : SHISRRJ2033316
परती परिकथा’ में जमींदारी व्यवस्था का चित्रण और किसान जीवन का संघर्ष
Authors(1) :-श्रवण सरोज ‘परती परिकथा’ किसानों के जीवन से जुड़ा हुआ उपन्यास हैं । उपन्यास की कथा परती जमीन पर केन्द्रित है । उपन्यास में लेखक ने उतर नेपाल से लेकर दक्षिण गंगातट का वर्णन किया गया है । इसमें बिहार के पूर्णिया जिला है, जिसका आधार मैला आंचल में भी लेखक ने लिया है । स्वतन्त्रता के पश्चात् भूमि की नए सिरे से पैमाईश व सरकार द्वारा परती भूमि का आवंटन इस उपन्यास के केन्द्र में हैं । पूरी कथा इन दो बिन्दुओं के इर्द-गिर्द घूमती है । लेखक ने तत्कालीन राजनीतिक उतार-चढ़ाव को भी रेखांकित किया है । ‘परती-परिकथा’ का अध्ययन करने पर हमारे समक्ष कोशी-अंचल का संपूर्ण प्राकृतिक और मानवीय दृश्य झलक उठता है । साथ ही उन दृश्यों के साथ कलाकार की आस्था और अंतरदृष्टि भी झाँकती है । ‘परती-परिकथा’ में परती भूमि की धुरी पर समस्याएँ घूमती रहती हैं, और रेणु ने इसीलिए भूमि को अपनी दृष्टि का अवलम्बन माना है । परानपुर गाँव में निवास करने वाली सभी जातियों की समस्याएँ, सभी वर्गों की समस्याएँ चाहे वह सामाजिक हो या आर्थिक, नैतिक हो या भौगोलिक, सभी को उपन्यास में कुशलता से उद्घाटित किया गया है ।
श्रवण सरोज परती-परिकथा, आंचलिकता, फरीश्वरनाथ रेणु, जमींदारी प्रथा, किसान जीवन, सामाजिक व्यवस्था । 1.परतीः परिकथा, फणीश्वरनाथ रेणु, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 12वाँ संस्करण 2016, पृ. 11 2.महासागर (पत्रिका), सं. राजेश राजन, अरिहन्त मीडिया प्रोमोर्टस, मेरठ, पृ. 54 3.परतीः परिकथा, फणीश्वरनाथ रेणु, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 12वाँ संस्करण 2016, पृ. 19 4.वही, पृ. 26 5.वही, पृ. 27 6.परती : परिकथा, फणीश्वरनाथ रेणु, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 12 वाँ संस्करण 2016, पृ. 28 7.वही, पृ. 146 8.वही, पृ. 47 9.परती : परिकथा, फणीश्वरनाथ रेणु, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 12वाँ संस्करण 2016, पृ. 317 10.वही, पृ. 358 11.वही, पृ. 11 Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
शोधार्थी (पी-एच.डी.) हिन्दी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली, भारत
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 169-172
Manuscript Number : SHISRRJ2033316
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2033316