भवानी प्रसाद मिश्र के गीतिकाव्य की भाषा

Authors(1) :-डाॅ. माया गोला

भवानी प्रसाद मिश्र जी की भाषा गीतात्मकता के नव परिप्रेक्ष्य को आयाम देती है। स्वयं मिश्रजी का भी मानना है कि जब तक मेरी भाषा मुझे ही प्रभावित न करे तो वह पाठकों तक अपना असर नहीं पहुंचा सकती है। उनकी भाषा में आत्मीयता, अंतरंगता व स्पष्टता का पूर्णतः समावेश मिलता है। उनकी भाषा बोलचाल की भाषा है किन्तु उनके जीवन का स्पदंन भी ध्वनित होता है जो कि उनके गहरे और विशिष्ट अर्थ को भी निकालता है।

Authors and Affiliations

डाॅ. माया गोला
असिस्टेंट प्रोफेसर, ॠहदी विभाग, सोबन ॠसह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, परिसर अल्मोड़ा, उत्तराखंड, भारत।

भवानी प्रसाद मिश्र भाषा, गीतात्मकता, अंतरंगता, स्पष्टता, समावेश।

  1. गुप्त, शान्तिस्वरूप, साहित्यिक निबंध, अशोक प्रकाशन, दिल्ली, 1999, पृ. 227
  2. माथुर, गिरिजा कुमार, धूप के धान, भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, 1998, पृ. 11, 12
  3. मिश्र, भवानी प्रसाद, बुनी हुई रस्सी, भूमिका, सरला प्रकाषन, दिल्ली-32, 1984, पृ. 12
  4. सिंह, नामवर, कविता के नए प्रतिमान, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 2016, पृ. 232
  5. शर्मा, हरिचरण, नई कविता के नये धरातल, पृ. 67
  6. दिनकर, रामधारी सिंह, मिट्टी की ओर, लोकभारती प्रकाशन, नई दिल्ली, 2010, पृ. 151
  7. मिश्र, भवानी प्रसाद, गीत फरोश, सरला प्रकाशन, दिल्ली, 1956, पृ. 87
  8. तिवारी, अजय, प्रगतिशील कविता के संदर्भ मूल्य, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, 2016, पृ. 237
  9. तिवारी, अजय, प्रगतिशील कविता के संदर्भ मूल्य, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, 2016, पृ. 236
  10. तिवारी, अजय, प्रगतिशील कविता के संदर्भ मूल्य, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, 2016, पृ. 378
  11. मिश्र, भवानी प्रसाद, दूसरा सप्तक, पृ. 45
  12. मिश्र, भवानी प्रसाद, गीत फरोश, सरला प्रकाशन, दिल्ली, 1956, पृ. 10
  13. मिश्र, भवानी प्रसाद, गीत फरोश, सरला प्रकाशन, दिल्ली, , पृ. 15
  14. अज्ञेय, आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि, राजपाल एण्ड सन्स, नई दिल्ली, पृ. 14
  15. अज्ञेय, आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि, राजपाल एण्ड सन्स, नई दिल्ली, पृ. 14

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 192-196
Manuscript Number : SHISRRJ2033320
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. माया गोला, "भवानी प्रसाद मिश्र के गीतिकाव्य की भाषा ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 3, pp.192-196, May-June.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2033320

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