Manuscript Number : SHISRRJ203338
महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन एवं कांग्रेस की प्रतिक्रिया
Authors(1) :-गौरव महात्मा गांधी का भारत में असहयोग आंदोलनए दक्षिण अफ्रीका में उनके स्वनिर्मित सत्याग्रह के विचारों पर आधारित था। जिसके मूल तत्व सत्य व अहिंसा थे। महात्मा गांधी अपने विचारों और संघर्षों को लेकर दक्षिण अफ्रीका में पिछले 23 सालों से प्रयोगशील रहे थे। जिनके आधार पर उनकी एक विशिष्ट राजनीतिक शैली निर्मित हो चुकी थी। भारत की परिस्थितियों के अनुसारए वह उनमें संशोधन कर उन्हें भारत में संघर्ष के अनुकूल बना रहे थे। इसी अनुकूलन का एक उत्पाद असहयोग के रूप में उद्घाटित हुआ। असहयोग की रणनीति का उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेदी सरकार के विरुद्ध प्रयोग नहीं कियाए क्योंकि वहाँ के शासन.प्रशासन में भारतीयों की कोई उपस्थिति नहीं थी। जिससे कि सरकार से असहयोग करके उन्हें झुकाया जा सके। परन्तु यहाँ भारत में असहयोग के लिए समुचित आधार उपस्थित थे। भारत में ब्रिटश प्रशासन मूलतः भारतीयों के सहयोग पर ही आधारित था। यदि भारतीय अंग्रेज़ी प्रशासन एवं संस्थाओं से स्वयं को अलग कर लें तो भारत में अंग्रेज़ो का शासन करना असंभव हो जाता। इसी तथ्य की उपयोगिता पर गांधी का असहयोग आंदोलन आधारित था।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपने जन्म से मूलतः एक नरमपंथी उदारवादी राजनीतिक संस्था थी। जो ब्रिटिश उदारवादी संवैधानिक संघर्ष की पद्धति का अनुसरण करते हुए उत्तरोतर संवैधानिक सुधारों की माँग करती थी। यद्यपि बंगाल विभाजन;1905द्ध से उत्पन्न रोष ने कांग्रेस को कुछ समय के लिए गरमपंथी नेताओं के प्रभाव में ला दिया था। परन्तु शीघ्र ही वह अपनी पुरानी राजनीतिक प्रणाली का अनुसरण करने लगी। जो असहयोग आंदोलन के प्रारम्भ होने से पूर्व तक कमोबेश उसी पथ पर चलती रही। महात्मा गांधी ज्ञापन व याचना आधारित संवैधानिक राजनीति का मार्ग छोड़ सत्य व अहिंसा आधारित सत्याग्रह का मार्ग अपना चुके थे। वहींए कांग्रेस अब भी संवैधानिक राजनीति के मार्ग पर थी। ऐसे मेंए उसके लिए गांधी के असहयोग आंदोलन के मार्ग को अपना लेना सहज नहीं रहा होगा। असहयोग आंदोलन एवं उसके प्रति कांग्रेस की क्रमिक प्रतिक्रिया का अध्ययन इस शोध पत्र में किया गया है।
गौरव महात्मा गांधी, असहयोग, आंदोलन, कांग्रेस| Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020 Article Preview
शोध-छात्र, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-03-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 101-111
Manuscript Number : SHISRRJ203338
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203338