महर्शि षुक्र द्वारा सभा संगठन, षक्तियाँ एवं उनके कार्यो का विवरण

Authors(1) :-डाॅ0 अवनीष कुमार

शुक्रनीति की राज्यव्यवस्था में विधायी, प्रशासनिक एवं न्यायिक शक्तियों के सम्बन्ध में राजा की शक्ति अन्तिम नहीं अपितु ऐसा प्रतीत होता है कि सम्पूर्ण शासन कार्यों के सम्बन्ध में शक्ति का आधार सभा में ही निहित है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 अवनीष कुमार
इतिहास विभाग बाबा साहेबए भीमराव अम्बेदकर बिहारए विष्वविद्यालय, मुज्फ्फपुर, बिहार, भारत

महर्शि षुक्र, सभा, संगठन, षक्तियाँ, कार्य, शुक्रनीति।

  1. प्रमाकर दीक्षित - पृश्ठ-174
  2. वै0 पी0 जयसवाल, ओप0 सीट पृश्ठ -19
  3. अर्थवेद मेे सभा को प्रजापति का कन्धा माना है ।
  4. के0 पी0 जयसवाल पेज 13-17
  5. पंडित वैष्व- धर्मषास्त्र को जानने वाले । षु0- 5,26
  6. महाभारत, सभापर्व 5, 27
  7. रामयणः- बालकांड- 7,4-5 एवं 1,3

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 143-146
Manuscript Number : SHISRRJ203342
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 अवनीष कुमार, "महर्शि षुक्र द्वारा सभा संगठन, षक्तियाँ एवं उनके कार्यो का विवरण", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 1, pp.143-146, January-February.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203342

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