मानसिक शांति हेतु संगीत एवम् अन्य ललित कलाएं एक सफल उद्यम के रूप में

Authors(1) :-डॉ. जया शर्मा

प्राचीन समय में स्त्रियाँ कुएँ से पानी भरते समय, गीत गाया करती थीं। ऐसा करने से नीरसता महसूस नहीं होती है तथा संगीत की तेज लय में बाँधकर श्रमिक भी तेज गति से कार्य करता है। तथा कार्य से उत्पन्न थकान या तनाव अनुभव नहीं करता है और आज भी यदि हम दैनिक दिनचर्या में काम करते समय संगीत को सुनें तो निश्चित रूप से हमारा हृदय मन मस्तिष्क कभी थकान का अनुभव नहीं करता है।

Authors and Affiliations

डॉ. जया शर्मा
रीडर एवं अध्यक्ष, संगीत विभाग, आर्य कन्या पी0जी0 कालेज, हापुड़, उत्तर प्रदेश, भारत

मानसिक, शान्ति, संगीत, ललित, उद्यम, भारत, कला, प्राचीन।

  1. संगीत मासिक पत्रिका हाथरस
  2. स्वर सरिता / जुलाई 2010 जयपुर
  3. भारतीय संगीत का इतिहास रामअवतार सिंह
  4. संगीत-मणि डाॅ0 महारानी शर्मा
  5. कल्याण गीताप्रेस, गोरखपुर

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020
Date of Publication : 2020-03-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 160-161
Manuscript Number : SHISRRJ2033454
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. जया शर्मा, "मानसिक शांति हेतु संगीत एवम् अन्य ललित कलाएं एक सफल उद्यम के रूप में ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 2, pp.160-161, March-April.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2033454

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